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पूर्व DGP अभयानंद की खरी-खरीः कोरोना से मची है अफरा-तफरी, विभीषिका की जड़ में है सरकारी तंत्र में मचा निर्बाध भ्रष्टाचार

पूर्व DGP अभयानंद की खरी-खरीः कोरोना से मची है अफरा-तफरी, विभीषिका की जड़ में है सरकारी तंत्र में मचा निर्बाध भ्रष्टाचार

PATNA: कोरोना संक्रमण से पूरा देश कराह रहा है। बिहार की स्थिति और भी खराब है। यहां बिना इलाज के ही लोग मर रहे हैं।सरकार स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ करने पर पानी की तरह पैसे बहाती है। लेकिन उस पैसे से स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधरती। हां... इतना जरूर होता है कि व्यवस्था सुधारने में लगे अधिकारियों की दशा जरूर सुधर जाती है। इस विपदा में सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति को देखकर रोना आ रहा। सरकार ने राशि खर्च कर संसाधन-सुविधा तो बढ़ाने की कोशिश की लेकिन अधिकारियों के भ्रष्टाचार में आकंठ डूबने की वजह से अस्पताल की व्यवस्था नहीं सुधरी। 2020 में सरकार ने सरकारी अस्पतालों के लिए सैकड़ों वेंटिलेटर खरीदे इसमें सरकार के करोड़ों रू बहाये गए। अब 2021 में वो वेंटिलेटर चालू हालात में नहीं हैं। कई जगहों से ऐसी शिकायत सामने आई है कि मशीन तो आये लेकिन वो आज तक इंस्टॉल ही नहीं  किये गए। रखे-रखे वो मशीन खराब हो गये। देश के चर्चित आईपीएस अधिकारी और बिहार में पुलिस सुधार के लिए जाने जाने वाले पूर्व डीजीपी अभयानंद इस दशा के लिए पूरे तौर पर सरकारी तंत्र के भ्रष्टाचार में आकंठ डूबने को मुख्य वजह बता रहे।  

सरकारी तंत्र में निर्बाध भ्रष्टाचार-अभयानंद

पूर्व डीजीपी अभयानंद कहते हैं कि कोरोना के दूसरे लहर में पूरा देश बेचैन है। हर तरफ अफ़रा तफ़री का महौल है। भारत आंकड़ों के मामले में शायद विश्व में प्रथम स्थान पर पहुँचने की कगार पर है। पूरे विश्व ने हवाई जहाज की यात्रा हमारे देश से बंद कर दी है। आगे कहा कि बचपन से देखता आया हूँ कि समय-समय पर हमारा देश विपत्तियों से घिरता है और उससे बाहर निकलता है। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के जड़ में जाने का प्रयास किया। मेरी समझ में अगर कोई एक वाक्य है जो इस पूरी विभीषिका के मूल में है तो वह है समस्त सरकारी तंत्र में मचा निर्बाध भ्रष्टाचार। आम आदमी ने भ्रष्टाचार से समझौता करना सीख लिया है। फलाफल का वीभत्स रूप दिख रहा है।पहले आपदा में पूरा देश सभी मतभेद को भूल कर, उस संघर्ष में एक होता था .सभी सरकारें तन-मन-धन से उस प्रयास में जनता के साथ आगे खड़ी रहती थीं .इस बार ये दोनों विशेषताएं गौण हैं। 

बिहार के स्वास्थ्य सिस्टम में सरकारी राशि का डाका

बता दें कि हाल ही में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपने संसदीय क्षेत्र बेतिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सीय व्यवस्था की समीक्षा की तो सिस्टम की पोल खुल गई। मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर तो थे लेकिन उसमें अधिकांश खराब थे। अन्य जगहों पर भी वही स्थिति है जहां रखरखाव और खरीद में भ्रष्टाचार की वजह से महंगी मशीने चालू होने से पहले ही खराब हो गई। पानी की तरह पैसे बहाने के बाद भी बिहार में स्वास्थ्य सेवा बेपटरी है।आपदा में जब तंत्र की पोल खुली तो सीएम नीतीश कुमार उसे दुरूस्त करने की कोशिश कर रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि बिहार के सभी जिलों के अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर को शीघ्र क्रियाशील करने का निर्देश दिया है। यह कार्य सरकारी प्रयास अथवा निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी से सुनिश्चित किया जा सकेगा।






~  अभयानंद

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