NEW DELHI : सुप्रीम कोर्ट में शनिवार सुबह चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के एक मामले में विशेष सुनवाई हुई। महिला सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी हैं और उसने सीजेआई पर यौन उत्पीड़न और अत्याचार के आरोप लगाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के 22 न्यायाधीशों के आवास पर महिला के शपथपत्रों की प्रतियां भेजी गईं जो शनिवार को सार्वजनिक हो गईं। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश गोगोई की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया गया। सुनवाई कर रही बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सहित जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल रहे।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन पर लगे आरोप अविश्वसनीय हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता है कि मैं इतने निचले स्तर तक भी नहीं जा सकता कि ऐसे आरोपों को खारिज करूं। उन्होंने कहा, इस सबके पीछे कोई बड़ी ताकत है। वे मुख्य न्यायाधीश के दफ्तर को बदनाम करना चाहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है। जज के तौर पर 20 वर्षों की निस्वार्थ के बाद मेरे बैंक खाते में 6.80 लाख रुपये हैं। क्या मेरे 20 वर्षों के कार्यकाल का यह ईनाम है। उन्होंने यह भी साफ किया कि वह सीजेआई के तौर पर काम करेंगे और बिना डरे अपने न्यायिक कार्यों का निर्वहन करेंगे। न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता है।