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उत्पाद विभाग का बड़ा खेलः शराब तस्करों से रकम ऐंठकर बदल रहे FIR, मद्यनिषेध नीति की खुलेआम उड़ी धज्जियां

उत्पाद विभाग का बड़ा खेलः शराब तस्करों से रकम ऐंठकर बदल रहे FIR, मद्यनिषेध नीति की खुलेआम उड़ी धज्जियां

PATNA: बिहार में शराबबंदी तो केवल नाम की है। रोजाना शराब तस्करों का गिरफ्तार होना, औऱ कुछ वक्त बाद उनका खुलेआम घूमना इस बात का सबूत है कि यहां सीएम के कथन का भी कोई मोल नहीं है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून की तारीफ करते नहीं थकते, औऱ पूरे देश में इसे लागू करने को कहते हैं। वहीं बिहार में ही उनके आदेशों की नाफरमानी कर खुलेआम उनका और कानून का मखौल उड़ाया जा रहा है।

बात करेंगे सरकार के ही एक विभाग, उत्पाद विभाग की। यहां बड़े पैमाने पर गिरफ्तार शराब तस्कर से रकम ऐंठकर उन्हें छोड़ने का खेल चल रहा है। इन्हीं काली करतूतों में शामिल उत्पाद विभाग के कुछ कर्मियों के खेल का कच्चा चिट्ठा सामने आया है। दरअसल इन्होनें शराब तस्कर को गिरफ्तार किया, रातभर हाजत में भी रखा, मगर बाद में एफआईआर बदल कर उसे छोड़ दिया। यह मामला है 15 अप्रैल 2021 का, जिसमें गर्दनीबाग थाना क्षेत्र से विक्की कुमार और युवराज सिंह को उत्पाद विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया था। 80 हजार लीटर शराब के साथ उत्पाद विभाग की टीम ने की थी गिरफ्तारी। इस गिरफ्तारी में दारोगा रोजी, सिपाही अजित कुमार, सुजीत कुमार, शशि, ऋषि, रमाकांत शामिल थे। शराब बरामदगी का सीजर उत्पाद दरोगा रोजीने बनाया था। इसी सीजर कागजात मेंपुलिस वालों को गवाहबनाया गया था। इतना ही नहीं, गिरफ्तार दोनो तस्करों की कोरोना जांच भी कराई गई थी। कोरोना जांच के बाद ही उत्पाद कर्मियों ने बदल दिया था एफआईआर।


खुलेआम रकम का लेनदन कर एफआईआर बदल दी गई और दूसरे तस्कर विक्की कुमार को जेल भेज दिया गया। इसके बाद उत्पाद विभाग द्वारा 60 दिन बाद भी कोर्ट को नही सौंपी गई चार्जशीट। कोर्ट को चार्जशीट नहीं भेजने पर मजबूरन कोर्ट ने तस्कर को जमानत दे दी।  जबकि 60 दिनों के अंदर चार्जशीट भेजने का प्रावधान है। इस संबंध में हम साफतौर पर समझ सकते हैं कि खुलेआम पैसों के लेन देन का खेल चल रहा है। जिसकी वजह से कानून के दायरे में आकर भी शराब तस्कर आसानी से फरार हो जा रहे हैं। अब देखना है कि आलाधिकारियों की कब नींद टूटती है और मामले में उच्चस्तरीय कार्रवाई होती है।

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