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14 साल में मिट गया अस्तित्व, सीएम भी नहीं बचा सके अपने गृह जिले के गांव को

14 साल में मिट गया अस्तित्व, सीएम भी नहीं बचा सके अपने गृह जिले के गांव को

GORAKHPUR : उत्तर प्रदेश की कई नदियां पानी का जलस्तर  बढ़ने से खतरे के निशान से  काफी ऊपर बह रही हैं. तो इसी कड़ी में गोरखपुर में राप्ती नदी ने ऐसा कहर दिखाया कि जगदीशपुर गांव का नाम ही मिट गया.  डेढ़ दशक से इस गांव पर कहर ढा रही है। राप्ती नदी ने पिछले एक माह के में बचे हुए 35 घरों को भी तबाह कर दिया और इसी साल एक गांव अब इतिहास बन गया। हालांकि गांव की जमीन का नदी में लगातार कटाव को देखते हुए सभी लोगों को दूसरी जगह भेज दिया गया। लेकिन अपने जड़ों को खोने का गम उनमें अब भी बरकरार है।

बड़हलगंज का जगदीशपुर गांव में दस साल पहले रौनक हुआ करती थी, अपने घरों में लोग रहते थे पर आज उस गांव का नामो निशान ही मिट गया। बता दें कि 2007 में राप्ती नदी ने इसी तरह अपना रूख आबादी की तरफ किया था। जिसके बाद सबसे पहले खेती किसानी योग्य जमीन नदी में समा गई थी। इसके बाद यह सिलसिला हर साल शुरू हो  गया।

2013 नें जब नदी की कटान तेज हुई तो हाहाकार मचना शुरु हो गया। एक दर्जन से अधिक मकान राप्ती में समा गये।  उसके बाद 2014 में भी दो दर्जन से अधिक घर राप्ती के कटान में समा गये. फिर 2017 में भी राप्ती नदी में दो दर्जन गांव राप्ती नदी में विलीन हो गए। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही गांववालों को कई अन्य जगह बसाने के निर्देश दे दिये थे. साथ ही शासन ने इसके लिए पैसा भी जारी कर दिया गया था

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