ARA : सूबे के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के लाख प्रयास के बावजूद बिहार का स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। आईएसओ से मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल आरा से जो वीडियो सामने निकल कर आ रहा है। वह सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है।
ताजा मामला मंगलवार की सुबह की है। जहाँ अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बडगांव की रहने वाली करिश्मा कुमारी अपनी पुत्री की गले की बीमारी का इलाज कराने के लिए सोमबार को ही सदर अस्पताल आरा पहुँची। लेकिन यहाँ आने के 24 घण्टा बीत जाने के बाद भी मरीज की हाल चाल जानने के लिए अस्पताल का कोइ भी स्टाफ मरीज के पास नही पहुँचा। जिसकी शिकायत मरीज के परिजन ने डी एस अरुण कुमार, सी एस और अस्पताल मैनेजर तक किया गया।
इतना ही नहीं पीड़ित के परिजन द्वारा लिखित आवेदन भी सी एस को दिया गया। लेकिन उस पर भी किसी प्रकार की कोई कारवाई नहीं होने से नाराज परिजनों ने इलाज मे लापरवाही बरतने के आरोप मे जमकर हंगामा किया। जिससे पूरा अस्पताल परिसर रणक्षेत्र मे तब्दील हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और अस्पताल के डी एस डॉक्टर अरुण कुमार सिंह मौके पर पहुँचकर स्थिति को नियंत्रण में कर मरीज की इलाज शुरू की।
यह कोई आई एस ओ से मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल की पहली घटना नही है। ऐसी घटना बराबर घटते रहती है। जबकि अस्पताल प्रशासन दोषियों की जाँच कर कार्रवाई का भरोसा देते रहता है। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है की आज तक किसी भी शिकायत पर न जाँच ही हुई और न ही कार्रवाई।
आरा से रविन्द्र कुमार की रिपोर्ट