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नवादा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.शैलेन्द्र कुमार का निधन, चिकित्सा जगत में शोक की लहर

नवादा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.शैलेन्द्र कुमार का निधन, चिकित्सा जगत में शोक की लहर

NAWADA : नवादा जिले के प्रसिद्ध डॉक्टर शैलेंद्र कुमार के निधन के बाद पूरे जिला में शोक की लहर दौड़ गई है. आपको बताते चलें कि डॉ. शैलेंद्र कुमार सर्जन के डॉक्टर थे और लोगों की मदद काफी करते थे. लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गयी. जिसके बाद पटना के रूबन अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां हार्ट अटैक होने के कारण उनका निधन हो गया. निधन का खबर सुनते ही जिले में डॉक्टर सहित तमाम लोगों में शोक की लहर दौड़ गयी. आपको बताते चलें कि जिले के पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर सावित्री शर्मा, डॉक्टर विमल प्रसाद, डॉक्टर शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, डॉक्टर नीरज कुमार, डॉक्टर अरुण, डॉक्टर महेश कुमार, डॉक्टर पूनम शर्मा और डॉ अरविंद कुमार आदि तमाम डॉक्टरों ने यह खबर सुनते ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. जिले के हर वर्ग के लोग डॉक्टर शैलेंद्र कुमार की सराहना करते हुए उनके विचारों पर चर्चा कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि आज हम लोगों ने जिले के महान व्यक्ति को खो दिया हैं. 

वहीँ दरभंगा में भौतिकी शास्त्र के धुरंधर विद्वान सह भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र कुमार झा एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सह विश्वविद्यालय के विभिन्न समितियों के काबिल सदस्य डॉ दयानंद पासवान  के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने रविवार को शोक संवेदना व्यक्त की. संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने इनके निधन को मिथिला के शैक्षणिक जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताते कहा कि अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए हुए हमेशा जीवंत बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि लंदन से पीएचडी की उपाधि हासिल करने वाले डॉ डी के झा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी भौतिकी विभाग के संस्थापक अध्यक्ष थे. अपने कार्यकाल में इस विभाग को विकास की गति देने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. वहीं विश्वविद्यालय के विकास का मसौदा तैयार करने में डॉ दयानंद पासवान की भूमिका हमेशा यादगार बनी रहेगी. उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता बी एन कपड़ी एवं वरिष्ठ पत्रकार कामेश्वर कुंवर के निधन पर भी गहरा दु:ख जताया. 

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमला कांत झा ने कहा डॉ डीके झा के निधन से एक शिक्षाविद एवं राजनीतिज्ञ हमसे छीन गया. साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर चलने वाले डॉ डीके झा एवं डॉ दयानंद पासवान के निधन से मिथिला के शिक्षा जगत को भारी हानि हुई है. जिसकी भरपाई निकट भविष्य में असंभव दिखती है. प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि इन दोनों शिक्षाविदों के निधन से मिथिला ने सरल, सहज एवं मृदुभाषी स्वभाव का विद्वान खो दिया. 

संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के सहपाठी रहे डॉ डी के झा जोड़-तोड़ की राजनीति की बजाय विद्या व बुद्धि के रास्ते राजनीति साधने के सिद्धांत के प्रबल समर्थक थे. अपने जीवन में स्वार्थ सिद्धि के लिए कभी किसी तरह का समझौता नहीं करने वाले व्यक्तित्व के रूप में वे हमेशा याद किए जाएंगे. वहीं, विश्वविद्यालय के सर्वांगीण विकास में प्रभावकारी भूमिका निभाने वाले मनोविज्ञान के प्राध्यापक डॉ दयानंद पासवान के काबिलियत की कमी हमेशा खलेगी. इनके निधन पर प्रो विजयकांत झा, विनोद कुमार झा, हीरा कुमार झा, डॉ  महेंद्र नारायण राम, प्रो चंद्रशेखर झा बूढाभाई, डॉ गणेश कांत झा, आशीष चौधरी, चंदन सिंह, चौधरी फूल कुमार राय, नवल किशोर झा, डॉ सुषमा झा, मिथिलेश चौधरी, दुर्गानंद झा आदि ने भी अपनी शोक संवेदना प्रकट की. 

नवादा से अमन सिन्हा और दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट 

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