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कांग्रेस नेता ललन कुमार का नहीं मिल रहा सुराग, कुर्की जब्ती के लिए पुलिस जायेगी कोर्ट

कांग्रेस नेता ललन कुमार का नहीं मिल रहा सुराग, कुर्की जब्ती के लिए पुलिस जायेगी कोर्ट

PATNA :  कांग्रेस नेता ललन कुमार अभी तक पटना पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। हालांकि पुलिस लगातार उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है लेकिन हर बार वो पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार हो जा रहा है। सुराग नहीं मिलने के कारण अब पटना पुलिस कुर्की जब्ती के लिए कोर्ट जायेगी। बता दें कि कांग्रेस नेता ललन कुमार 80 लाख के गबन के मामले में आरोपी है। ज्वेलरी लेकर पैसा नहीं देने का आरोप है। 

इसके पहले पटना सेंट्रेल रेंज के डीआईजी राजेश कुमार ने युवा कांग्रेस के नेता ललन कुमार को अविलंब गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया था। अगर ललन कुमार फरार पाये जाते हैं तो उनके घर की कुर्की-जब्ती की जाए। ललन कुमार को मदद करने के आरोप में कोतवाली थाना के दारोगा विक्रमादित्य झा और मुंशी मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। डीआईजी ने कहा है कि ललन कुमार ने गांधी मैदान थाना में जो FIR दर्ज कराया था वह गलत है। 

ललन पर क्या है आरोप

पटना के नवरत्न ज्वेलर्स एंड ब्रदर्स के मालिक धीरज कुमार ने आरोप लगाया था कि युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने 7 मार्च 2018 को 80 लाख रुपये का गहना लिया था। इसके एवज में उन्होंने एसबीआइ, बोरिंग रोड शाखा का चेक दिया था जो कि बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने के बाद ललन कुमार को लीगल नोटिस भेजा गया था।  धीरज कुमार ने जून 2018 में ललन कुमार के खिलाफ एस के पुरी थाना में चेक बाउंस होने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।

ललन ने फर्जीवाड़ा कर दूसरे से कराया केस

जब ललन पर धोखाधड़ी का केस हुआ तो उन्होंने गांधी मैदान थाना में चेक बुक चोरी होने का मामला दर्ज करा दिया। बाद में ललन ने कोतवाली थाना में उसी चेक बुक के गुम होने की स्टेशन डायरी 18 फरवरी 2015 की तारीख में करा दी। नवरत्न ज्वेलर्स के मालिक धीरज कुमार का कहना है कि ललन ने अपने आदमी से उन पर एससी-एसटी के तहत केस करा दिया जिससे उनकी जमानत रद्द हो गयी।

दारोगा और मुंशी हुए सस्पेंड

जब कोतवाली थाना में बैक डेट में स्टेशन डायरी करने का खुलासा हुआ तो धीरज कुमार ने ललन कुमार, दारोगा विक्रमादित्य झा और मुंशी पर केस किया था। पहले पुलिस इनके खिलाफ सुपरविजन का बहाना बना कर कार्रवाई नहीं कर रही थी। जब मामले ने तूल पकड़ा तो इसकी जांच करायी गयी। जांच के बाद अब इस मामले में दारोगा और मुंशी को सस्पेंड कर दिया है।


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