डेस्क... पटना हाइकोर्ट ने बिहार के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर सेवा में कार्यरत शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से नौ जनवरी, 2021 तक जवाब मांगा है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए अंतिम समय दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर कई लोग नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। ये वे शिक्षक हैं जिनकी नियुक्तियां 2006 से लेकर 2010-11 के बीच विभिन्न स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिए की गई थीं।
निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधाएं आ रही हैं। अभी तक उन शिक्षकों का फोल्डर भी पूरी तरह उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस मामले पर अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी।