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पटना मे जमीन अधिग्रहण के बाद किसानों को नही मिला उचित मुआवजा, राज्य से की कार्रवाई की मांग

पटना मे जमीन अधिग्रहण के बाद किसानों को नही मिला उचित मुआवजा, राज्य से की कार्रवाई की मांग

PATNA : बिहार सरकार द्वारा पटना गया डोभी राष्ट्रीय पथ के 2•8 KM संपर्क पथ के निर्माण हेतु पटना स्थित विशुनपुर पकड़ी,  चितकोहरा एवं  नत्थुपुर के जमीन को जिला भु - अर्जन पदाधिकारी पटना द्वारा अधिगृहित किया गया है। लेकिन जमीन के मालिकों / किसानों को नियमानुसार उचित मुआवजा का भुगतान नहीं मिलने के कारण वहां के किसानों में गहरा आक्रोश है। अधिगृहित जमीन के उचित मुआवजे के लिये वर्ष 2015 से ही किसान संघर्ष मोर्चा, पटना आंदोलनरत रहा है तथा समय - समय पर अपनी मांगों की पूर्ति हेतु प्रजातंत्र की प्रक्रिया के तहत धरना प्रदर्शन इत्यादि करते रहे है। आज किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में पटना अवस्थित आई.एम.ए हॉल में एक संवादाता सम्मेलन करते हुए किसान सीता कुमारी ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2011 में  हमारी जमीन की प्रकृति को आवासीय घोषित किया गया था। क्योंकि जिला निबंधन कार्यालय के अनुसार उपरोक्त जमीन आवासीय / व्यवसायिक है तथा सर्किल रेट भी इसी अनुसार है। बावजूद इसके जिला भू - अर्जन पदाधिकारी पटना ने मनमाने ढंग से इस जमीन को कृषि प्रकृति योग्य घोषित करते हुए वर्ष 2013 मे हमारी जमीन को अधिगृहित किया गया। इस पर किसान / जमीन मालिकों ने गहरी आपति दर्ज की। वर्ष 2015 में सरकार ने पैसे की व्यवस्था कर 2011 के सर्किल रेट / कृषि प्रकृति के जमीन को आधार मानते हुए मुआवजे का आंशिक भुगतान किया। जिसे आपत्ति के साथ जमीन मालिकों ने स्वीकार किया। लेकिन वास्तविक मुआवजे के लिए इनका संघर्ष लगातार जारी रहा। 

किसान संघर्ष मोर्चा , पटना के किसान रवि कुमार ने बताया कि हमारी जमीन को पटना-बक्सर राष्ट्रीय पथ  बनाने के लिये अधिगृहित किया था। बाद मे इस प्रॉजेक्ट में बदलाव करते हुए निर्णय लिया कि इस बचे हुए 2.8 कि ० मी ० के अधिकृत जमीन का उपयोग पटना गया- डोभी राष्ट्रीय पथ के संपर्क के रूप में किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि पटना - बक्सर राष्ट्रीय पथ के निर्माण हेतु अधिगृहित मौजा परेव , डुमरी , बिन्दौली खेदलपुरा एवं सिकन्दरपुर में मुआवजा का भुगतान 01.01.2014 के रिवाईज दर पर नये भु - अर्जन नियम 2013 के तहत किया गया। क्योंकि मुआवजे का भुगतान 2015 में किया गया था और इसके पूर्व 2013 में नया संशोधित भू - अर्जन नियम के तहत सरकार ने 01.01 . 2014 के आदेशानुसार कृषि प्रकृति की भुमि मानते हुए सर्किल रेट से चार गुना मुआवजे का भुगतान किया।  लेकिन उसी परियोजना के लिये अधिगृहित जमीन पटना जिला के विशुनपुर पकड़ी , चितकोहरा एवं नत्थुपुर मौजा के किसानों / जमीन मालिकों के बार बार अनुरोध के बावजूद 2•8 KM  संपर्क पथ के जमीन मालिकों को न तो आवासीय दर से न तो सर्किल रेट के दो गुणा और ना ही कृषि प्रकृति के आधार पर चार गुणा मुआवजे का भुगतान हुआ। जबकि बिहार सरकार के जिला भू- अर्जन पदाधिकारी , पटना द्वारा चार गुना मुआवजा के भुगतान के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे NHAI के उच्च अधिकारीयो के द्वारा मनमानी कर इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि पटना गया डोभी राष्ट्रीय पथ के अधिगृहित जमीन जिसे कृषि प्रकृति का माना गया है। उनके मालिकों को चार गुना  मुआवजे का भुगतान किया गया। यहां तक की मौजा नत्थुपुर के जमीन मालिक जिनकी जमीन पटना - गया - डोभी राष्ट्रीय पथ के निर्माण हेतु अधिगृहित की गई है। उन्हें भी चार गुना मुआवजा राशि प्राप्त हुआ है। जबकि 2•8 KM  की संपर्क पथ के लिए अधिगृहित जमीन के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि वास्तविक मुआवजे के भुगतान हेतु विशुनपुर पकड़ी , चितकोहरा एवं नत्थुपुर मौजा (2.8 किलोमीटर) के किसानों द्वारा सभी उच्च अधिकारियों,  नेता,  मंत्री सभी को अवगत कराया। लेकिन इस पर किसी ने सुध नहीं ली। अंत में थक हार कर किसानों ने पटना उच्च न्यायालय में एक लोकहित याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है जिसकी सुनवाई चल रही है। पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि जमीन मालिकों / किसानों के उचित मुआवजा की प्रार्थना के साथ एक लोक हित याचिका प्रतिजन्या सोशल ऑरंगनाइजेशन बनाम केंद्र सरकार एवं अन्य में दायर की गई है। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय को यह बताया गया है कि सरकार मुआवजे के मामले में भेदभाव कर रही है। मनमाने ढंग से हस्तक्षेप आवेदकों के आवासीय प्रकृति की अधिगृहित जमीन को कृषि प्रकृति का बता रही है। यहां तक की कृषि के आधार पर 2013 के नये भू- अर्जन नियमावली के तहत 01.01.2014 के आदेश के आधार पर चार गुणा मुआवजा का भुगतान नहीं कर रही है। दीपक सिन्हा ने आगे बताया कि 2•8 KM  की संपर्क पथ के अधिगृहित जमीन का प्रोजेक्ट बदल जाने के कारण पुनः अधिग्रहण की आवश्यकता है तथा मुआवजे भुगतान वास्तविक व्यवसायिक दर से 01.01.2014 के आदेश के तहत होना चाहिए। क्योंकि सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन के जवाब में यह स्वीकार किया है कि पटना बक्सर राष्ट्रीय पथ  एवं पटना-  गया - डोभी के राष्ट्रीय पथ के निर्माण हेतु अधिगृहित जमीन के मालिकों को मुआवजे का भुगतान संशोधित का आदेश 01.01.2014 नयी भू- अर्जन एक्ट 2013 के तहत दी गई है। चुकि हस्तक्षेप आवेदकों को 2015 में मुआवजे का भुगतान हुआ है इसलिए उनपर 2013 का एक्ट लागू होता है। वरीय अधिवक्ता दीपक सिन्हा ने आगे बताया कि जिनका एक या दो कट्ठा जमीन अधिगृहित किया गया है और इसके आलावा उनके पास कोई जमीन भी नहीं है। अभी के वास्तविक बाजार के मुल्य के आधार पर यदि जमीन के मुआवजे भुगतान नहीं किया जाता है तो वे पटना शहर में या इसके आस - पास कोई जमीन निवास हेतु नहीं खरीद सकते है। अतः 2.8 कि ० मी ० संपर्क पथ के निर्माण के पूर्व उचित मुआवजा आवासीय / कृषि आधार पर नयी भू-  अर्जन नियमावली 2013 तथा 01.01.2014 को लागू करते हुए शीघ्र अति शीघ्र जमीन मलिकों को प्रदान की जाए। 

किसान संघर्ष मोर्चा के सचिव गुड्डू राय ने बताया कि वर्ष 1970 में भी आईओसीएल ( IOCL ) तथा बाईपास सड़क के निर्माण के लिए बिशुनपुर पकड़ी मौजा की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें इस मौजा के किसानों की काफी जमीन चली गई थी और यदि अब बची हुई जमीनों पर भी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तो किसानों के सामने रोजगार एवं आवास की विकट समस्या उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बिशनपुर पकड़ी मौजा के लगभग 20 किसान भाइयों की जमीन पर गलत मुकदमा लगा दिया गया है जिसके कारण उनकी जमीन के बदले मुआवजे के भुगतान पर भी रोक लगा हुआ है। उसके कारण भी यहां के किसान आर्थिक और मानसिक परेशानियां झेल रहे हैं। मोर्चा की मांग हैं कि पटना - बक्सर एवं पटना -गया- डोभी सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन का सभी मौजा में जिस प्रकार मुआवजे का भुगतान किया गया है। उसी प्रकार हमारे मौजा में अधिग्रहित जमीनों का उचित मुआवजा तय कर भुगतान किया जाए। हम सभी किसान भी बिहार के विकास में सहयोग करना चाहते हैं लेकिन सरकार हमारा भी पक्ष सुने और उचित मुआवजे का भुगतान करे।

इस अवसर पर  किसान ब्रजनंदन सिंह, तेजु राय, सुनील कुमार , देवानन्द राय, रामानंद राय, सिपाही राय , हरिदयाल राय , दयानंद सिंह, जयनन्दन राय, भुनेश्वर राय, बदरी राय , सुरजनाथ राय , रामप्रवेश राय , देवराज जी, सुरेन्द्र प्रसाद, सुनील कुमार , दिलीप कुमार ,धर्मेंद्र सिंह , विजेंद्र राय , प्रभात कुमार, रवि कुमार, पुषपेन्द्र यादव सहित भारी संख्या मे किसान मौजूद थे।

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