NEWS4NATION DESK : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। दरअसल, जापान की मदद से भारत को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को साल 2022 तक पूरा करना है। लेकिन महाराष्ट्र के पालघर जिले में सरकार के प्रोजेक्ट के लिए जमीन मिलने में मुश्किलें आ रही हैं।
यहां इस मसले पर लोकल कम्युनिटी और जनजातीय लोग विरोध पर उतर आए हैं। एक अखबार की खबर के मुताबिक, पालघर जिले के 70 से ज्यादा आदिवासी गांवों में लोगों ने अपनी जमीन देने से मना कर दिया है। जिसकी वजह से से पीएम के इस अतिमहत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए जमीनों के अधिग्रहण में दिक्कत आ रही है। ये प्रोजेक्ट कुल 508 किलोमीटर का है। सरकार ने इतनी जमीन को 2018 के आखिर तक अधिग्रहण करने का लक्ष्य रखा था। इसके बाद जनवरी 2019 से इस पर काम शुरू होना था। इस हाईस्पीड रेड कॉरिडोर का करीब 110 किलोमीटर का हिस्सा महाराष्ट्र के पालघर से होकर गुजरना है।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विरोध झेलना पड़ रहा है। लेकिन सरकार को उम्मीद है कि प्रोजेक्ट टाइम पर शुरू हो जाएगा। वहीं, इस प्रोजेक्ट को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। शिवसेना भी इस प्रोजेक्ट के विरोध को हवा देने की कोशिश कर रही है।
बताते चले कि महाराष्ट्र में शिवसेना, समय-समय पर बीजेपी के साथ
गठबंधन तोड़ने की बात कहती रही है।