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कारनामा ! बिना टेंडर तालाब के सौंदर्यीकरण पर उठने लगे सवाल, अधिकारी भी नहीं जानते किस मद से आया पैसा, काम में भी भारी गड़बड़ी

कारनामा ! बिना टेंडर तालाब के सौंदर्यीकरण पर उठने लगे सवाल, अधिकारी भी नहीं जानते किस मद से आया पैसा, काम में भी भारी गड़बड़ी

DARBHANGA : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अगले साल यानी 2022 को 50 साल पर जश्न मनायेगा। वहीं इसी साल विवि के नामित व्यक्तित्व पूर्व केंद्रीय स्व. ललित नारायण मिश्र का शताब्दी वर्ष भी एक साथ मनाया जाएगा। अभी इस विवि में इसी बात को केंद्र बिन्दु में रखकर कई विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। क्योंकि, बीते 50 सालों में इस विवि को विकास के नाम पर अरबों रुपया व्यय करने के बाद भी लोगों के सामने दरभंगा राज्य परिवार प्रदत्त भवन ही दिखाई दे रहा है। 

हालांकि, अभी आगे कई महत्वाकांक्षी योजना विवि के पास है। कोरोना के कारण इस सब योजना में बाधा आई है। फिर भी तैयारी चल रही है। इसी क्रम में वीसी चैंबर के उत्तर व गांधी सदन के पूरव बने तालाब का सौंदर्यीकरण का काम अभी चल रहा है। 62.19 लाख की इस योजना में चारों तरफ प्रोटेक्शन वाल के साथ वाकिंग रोड व शेड आदि की व्यवस्था है। लेकिन, यह राशि किस योजना के तहत व्यय होगी इसकी जानकारी अभी विवि के सहायक अभियंता सोहन चौधरी व कनीय अभियंता हसन इकबाल को नहीं है।

इसी पर सवाल उठाते हुये सीनेट सदस्य गगन कुमार झा ने कहा कि कुलपति चेंबर के ठीक सामने तालाब है जो वर्षों पुरानी है दरभंगा महाराज के द्वारा बनाया गया तालाब है। विश्वविद्यालय के अधिकारी को भी नहीं पता है जो यह किस योजना के द्वारा इस तालाब का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। हम आपको बता दें कि यह जो निर्माण किया जा रहा है उसका अभी तक टेंडर नहीं हुआ है और यह जो निर्माण हो रहा है उस में भारी अनियमितता देखी जा रही है जो इस कार्य में ईट लगाए जा रहे हैं हैं वह चार नंबर ईंट हैं, वहीं तार जो रद्दी के भाव में भी नहीं लेते हैं वैसे तार लगाए जा रहे हैं। 

लेकिन यहां वैसा कुछ नहीं है साइड से सिर्फ बनाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट हो चुका है कि जो कार्य चल रही है उसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी के द्वारा लूट खसूट का व्यापार इस कोरोना वायरस में चलाए जा रहे थे क्योंकि कोरोनावायरस के कारण सभी लोग घर में थे और विश्वविद्यालय अपना जेब भरने का काम कर रहे थे यदि इसकी जांच कुलपति ने नहीं करवाई तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे और विश्वविद्यालय को ईंट से ईंट बजा देंगे।

लेकिन, इसकी गुणवत्ता व कार्य आदि काके लेकर विवि के इंजीनियरिंग सेक्शन से लेकर कुलसचिव आदि अनभिज्ञ हैं। इन सबका कहना है कि वाटर वेज विभाग के अभियंता के माध्यम से इसका एस्टिमेट बनाया गया है। उन्हीं के देख-रेख में सब काम चल रहा है। लेकिन, इस काम में ईंट आदि की गुणवत्ता को लेकर आम लोगों की शंका के संबंध में सवाल पर रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि वह इस कार्य को अब देखने के बाद कहेंगे। वीसी किसी भी स्थिति में गुणवत्ता को लेकर समझौता करने की स्थिति में नहीं हैं। एलएनएमयू में वीसी चैंबर के सामने चल रहे तालाब सौंदर्यीकरण के काम में लगे मजदूर बगैर मास्क के काम कर रहे हैं। पूछने पर ये लोग सहमे जरूर लेकिन कोई जवाब नहीं देकर मुंह छिपाने लगे। जबकि, विवि प्रशासन का यह आदेश है कि बिना मास्क के कैंपस में प्रवेश वर्जित होगा.

वहीं विवि के सहायक अभियंता सोहन चौधरी ने कहा कि वे मुख्यालय से बाहर है। सब काम वाटर वेज के वरीय अभियंता के देख-रेख में चल रहा है। इसमें गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है। यह 55.52 लाख की योजना है। जीएसटी लगाकर 62.19 लाख होता है।


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