DESK : भारत में अक्सर छोटी - छोटी बातों को लेकर फिल्मों का बहिष्कार शुरू कर दिया जाता है। सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ट्रेंड होने लगता है। लेकिन अगर यह मानते हैं कि सिर्फ भारतीय फिल्मों को ही विरोध का सामना करना पड़ता है तो यह गलत है। इसका एक बड़ा उदाहरण पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई दुनिया की सबसे महंगी फिल्म अवतार -2 को देखकर समझा जा सकता है। जिसका अमेरिका में विरोध शुरू हो गया है।
साइंस फिक्शन हॉलीवुड फिल्म अवतार: द वे ऑफ वाटर (Avatar: The Way Of Water Facing Boycott) को लेकर उम्मीद की जा रही है कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़गी। 2009 में अवतार के पहले पार्ट की रिलीज के बाद से लोग फिल्म की अगली कड़ी का इंतजार कर रहे थे। अब 13 सालों के लंबे वक्त के बाद आखिरकार अवतार 2 रिलीज हो चुकी है, लेकिन फिल्म को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिल्म की कहानी अमेरिका वासियों को पसंद आने की बजाय उन्हें कचोट रही है और इसके साथ ही अवतार 2 के बॉयकॉट की मांग उठने लगी है।
निर्देशक जेम्स कैमरून पर लगे ये आरोप
अवतार 2 में दिखाया गया है कि उपनिवेशवादी कैसे आदिवासियों की जमीन और उनके संसाधनों पर कब्जा कर लेते हैं। फिल्म में कॉलोनाइजर्स को मनुष्यों के रूप में दिखाया गया है जो अपने रहने के लिए एक योग्य ग्रह की खोज कर रहे हैं क्योंकि उनके अपने ग्रह पृथ्वी पर मौजूद सभी संसाधन कम हो रहे हैं। फिल्म के डायरेक्टर जेम्स कैमरून पर इल्जाम है कि उन्होंने एक ऐसी फिल्म को बनाने के लिए विभिन्न स्वदेशी संस्कृतियों और इतिहासों का बिना इजाजत इस्तेमाल किया है, जिसमें बड़े पैमाने पर सफेद चमड़ी वाले आर्टिस्ट शामिल हैं।
नस्लवादी होने पर बढ़ी बात
अवतार 2 के बॉयकॉट की मांग करते हुए एक यूजर ने ट्विटर पर कहा, "अवतार द वे ऑफ वाटर न देखें। इस भयानक और नस्लवादी फिल्म का बहिष्कार करने के लिए दुनिया भर के अमेरिकी निवासियों और अन्य स्वदेशी समूहों से जुड़ें। सफेद चमड़ी वालों को खुश करने के लिए हमारी संस्कृतियों का इस्तेमाल किया गया है। और नीले चेहरे नहीं चाहिए! अमेरिका के लोग शक्तिशाली हैं।
सोशल मीडिया पर लगातार लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है इस फिल्म में अमेरिका की गलत छवि दिखाने की कोशिश की है। ऐसे में इस फिल्म का बॉयकॉट होना जरुरी है