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नियोजित शिक्षकों में FIR से हड़कंप, 839 ने कर लिया ज्वाइन, बाकी पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश

नियोजित शिक्षकों में FIR से हड़कंप, 839 ने कर लिया ज्वाइन, बाकी पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश

पटना : सरकार के द्वारा नियोजित शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश ने हड़कंप मचाया है मचा दिया है। यही कारण है कि कई नियोजित शिक्षकों ने मूल्यांकन में अपना योगदान दे दिया है। जिन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था उनमें से अधिकांश ने मूल्यांकन में योगदान दे दिया है। बाकी बचे शिक्षकों पर सरकार ने एफआईआरदर्ज कराने का आदेश दिया है।

12 सौ में से 8 सौ 39 शिक्षकों ने दिया योगदान
पटना जिला शिक्षा कार्यालय के माने तो पटना जिले में इंटर मूल्यांकन को लेकर जिन 12 सौ शिक्षकों को मूल्यांकन में लगाया गया है ।उसमें से 839 शिक्षकों ने अपना योगदान दे दिया है। गौरतलब है कि नियोजित शिक्षकों ने हड़ताल को लेकर मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था।

विभिन्न शिक्षक संघों के द्वारा लगातार आंदोलन चलाया जा रहा है और प्रदेश के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षक हड़ताल पर हैं। गौरतलब है इंटर की कॉपी के मूल्यांकन को लेकर सरकार के द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया था की जिन शिक्षकों को मूल्यांकन हेतु नियुक्ति पत्र जारी किया गया है अगर वह योगदान नहीं देते हैं तो उन पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज किया जाए। बता दें कि पटना जिला में 12 शिक्षकों को इंटर की कॉपी के मूल्यांकन हेतु नियुक्ति पत्र जारी किया गया था ।जिसमें से 839 परीक्षकों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है। जिन लोगों ने योगदान नहीं दिया है उन पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा डीओ पटना ने की है।

11 वें दिन भी हड़ताल जारी
गौरतलब है कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की अपील पर 17 फरवरी को ही नियोजित शिक्षकों ने हड़ताल कर दिया था ।आज लगातार 11 वें दिन भी हड़ताल जारी है। वहीं दूसरी तरफ बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व बिहार विधान परिषद के सदस्य केदारनाथ पांडे तथा महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर कह दिया है कि शिक्षकों का हड़ताल गैरकानूनी नहीं है।

 इसकी सूचना पूर्व से ही मुख्यमंत्री ,शिक्षा मंत्री ,अपर मुख्य सचिव ,निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं अध्यक्ष बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दे दी गई थी। 24 फरवरी को वार्ता के लिए अनुरोध भी किया गया था लेकिन सरकार ने वार्ता का समय नहीं दिया ।परीक्षा और मूल्यांकन के पूर्व अगर बातचीत हो गई होती तो यह नौबत नहीं आता। इन सारी परिस्थितियों हेतु राज्य सरकार जिम्मेदार है।

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