औरंगाबाद. जहां एक ओर उत्तर बिहार के कई जिले बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर हैं वहीं दूसरी ओर बिहार के दक्षिणी क्षेत्र के औरंगाबाद जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है। वर्षा ऋतु का रोहिणी, मृगडाह तथा आद्रा नक्षत्र भी समाप्त होगया है। इसके बावजूद औरंगाबाद जिले में बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं.
किसानों द्वारा पम्पिंग सेट चला कर कुछ खेतो में धान की रोपाई की जा रही है लेकिन आसमान से बरसते आग के सामने किसान भी अब लाचार हो गये हैं. किसानों ने कहा औरंगाबाद जिला में आधा सुखाड़ तो पहले ही हो गया क्योंकि बारिश नहीं होने के कारण बहुत क्षेत्रो में धान का बिचड़ा ही नहीं डाला गया है. अब वहाँ धान की खेती ही समाप्त होने के कगार पर है.
कई जगहों पर किसान पम्पिंग सेट के माध्यम से बिचड़ा कर लिए लेकिन अब धान की रोपनी करने को लेकर रात दिन जद्दोजेहाद में जुटे हुये है। इसके बाद भी सफलता नही मिल पा रही है. किसानों का कहना है कि खेती करने से पहले बिजली भी 18 और 22 घण्टा रहती थी लेकिन अब बिजली भी महज 7 से 10 घण्टा ही मिल पा रही है। इस स्थिति में खरीफ फसल लगाना मुश्किल हो गया है। अब पूरी तरह औरंगाबाद में खरीफ की फसल भगवान भरोसे हो गया है. अगर बारिश होती है तभी खरीफ की फसल हो पाएगी अन्यथा सुखाड़ विकराल रूप धारण कर लेगा.
किसानों का कहना है कि जिस माह में खेतों में धान के फसल दिखने चाहिए उस माह में धान की फसल तो दूर बिहन की खेतों में धूल उड़ रहे हैं. अब किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं कि कब बारिश होगी. लेकिन इंद्र भगवान शायद कुपित हो चुके हैं. यही कारण है कि जहां तक नजरे जा रही है वहां तक के खेत खाली पड़े हैं.