PATNA : फिल्म इंडस्ट्री में बीते साल 14 जून एक काले दिन के रूप में याद किया जाता है। सुबह तक सबकुछ सामान्य था, अचानक 12 बजे एक खबर ने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि देश के सभी सिनेमा प्रेमियों को चौंका दिया। वह खबर थी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की। सुशांत सिंह अपने घर के कमरे में फांसी लगा ली। इस समाचार ने सुशांत करोड़ों प्रशंसकों को एक बड़ा झटका दिया। इसके बाद शायद ही कोई दिन ऐसा रहा होगा जब सुशांत सिंह को याद नहीं किया गया हो। आज सुशांत सिंह के मौत को एक साल का समय गुजर चुका है और प्रशंसक उन्हें याद कर रहे हैं। रात से ही सुशांत सिंह ट्विवटर पर एक नंबर पर ट्रेंड कर रहे हैं। जिनमें ज्यादातर लोग सुशांत सिंह के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। पटना में सुशांत सिंह के चाहनेवालों ने उनकी पुण्यतिथि पर प्रार्थना सभा और रक्तदान शिविर का आयोजन किया है।
परिवार को उम्मीद एक दिन मिलेगा इंसाफ
राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के एक साल हो चुके हैं। बेटे की मौत के सदमे से पिता केके सिंह साल बाद भी परिवार के सदस्य, खासकर पिता केके सिंह सदमे से नहीं उबर पाए हैं। वे आज भी रात को सुकून से सो नहीं पाते हैं। बेटे की फिल्मों को देखने के बाद भावुक हो जाते हैं। पिता का कुछ दिनों पहले ऑपरेशन हुआ हत्या व आत्महत्या की मिस्ट्री के बीच उनके परिवार के सदस्यों ने न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी है। वे आज भी इसी आशा में हैं कि एक दिन न्याय जरूर मिलेगा। सुशांत के चचेरे भाई और भारतीय जनता पार्टी के विधायक नीरज कुमार बबलू के अनुसार न्याय की प्रकिया चल रही है और पूरा परिवार आशा करता है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले
मौत की उलझी है गुत्थी
सुशांत सिंह की मौत को एक साल का समय गुजर चुका है, लेकिन उनकी मौत की गुत्थी अब भी उलझी है। आज तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है कि सुशांत ने वाकई में आत्महत्या की थी या उसकी हत्या कर उसे आत्महत्या की शक्ल प्रदान करने की साजिश रची गई। सीबीआई लगभग आठ माह से इस पूरे मामले की जांच कर रही है, लेकिन वह भी अब तक कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच चुकी है।
फिल्म इंडस्ट्री में दो फाड़
सुशांत सिंह की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री दो हिस्सों में बंट गई। एक वह जो इंडस्ट्री में परिवारवाद के साथ जुड़ी थी, एक वह जो बाहरी कलाकारों को बराबर का मौका नहीं देने का आरोप लगा रहे थे। सुशांत सिंह की मौत को भले ही एक साल का समय गुजर चुका है, लेकिन यह विवाद अब भी जारी है।