Nalanda : तमिलनाडु के कोयम्बटूर शहर से आज 1000 प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहारशरीफ पहुंची। ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर लगी और बोगी से लोग बाहर आएं। उनके चेहरे पर एक अजीब तरह की खुशी और सुकून देखने को मिला।
आज शाम ट्रेन के पहुंचने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करते हुए यात्रियों को ट्रेन के कोच से बाहर निकाला गया। उसके बाद सभी मजूदरों की थर्मल स्क्रिनिग और सेनेटाइजेशन किया गया। थर्मल स्क्रिनिग में नॉर्मल लोगों को वाहन कोषांग द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों के द्वारा उनके विभिन्न जिले और प्रखंडों में भेजा गया। जहां उन्हें 21 दिनों तक क्वारनटाइन सेंटर में रहना होगा।
इस मौके पर नालन्दा के डीएम योगेंद्र सिंह, एसपी नीलेश कुमार समेत अन्य पदाधिकारी स्वयं स्टेशन पर मौजूद रहकर सारे कार्यो की मॉनिटरिंग करते नजर आए।
वहीं ट्रेन से आए मजदूरों ने बताया कि तमिलनाडु में ये लोग वर्षो से रहकर मेहनत मजूदरी करते थे। लॉकडाउन के कारण कंपनी बंद है। जिसके कारण पिछले 50 दिनों से फंसे रहने के कारण खाने के लाले पड़ गए थे।
मजदूरों ने बताया कि बड़ी कठिनाइयों का सामना करते हुए वे यहां तक पहुंचे है। ट्रेन में उन्हें सही से खाना नहीं दिया गया। फिर भी अपने प्रदेश में आकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है । यहाँ रहेगें तो कुछ न कुछ करके खा लेगें।
वहीं डीएम ने बताया कि दो दिनों तक लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर बिहारशरीफ आयेगें आज भी करीब 1000 मजदूर स्पेशल ट्रेन से यहां पहुँचे हैं। जिनकी स्क्रिनिग के लिए 23 काउंटर बनाए गए है। इसके अलावा वाहन कोषांग की मदद बसों की व्यवस्था की गयी है।
स्क्रिनिग करने के बाद सभी मजूदरों को नास्ता और भोजन का पैकेट देने के बाद उन्हें प्रखंडों में भेजा गया है। जिसके बाद उन्हें क्वारनटाइन सेंटर में 21 दिनों के लिए रखा जाएगा। इसको लेकर पूरे रेलवे स्टेशन पर पंडालों से सजाया गया है। पूरे स्टेशन परिसर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है। जीआरपी और जिला पुलिस के जवानों को लगाया गया है।
नालंदा से राज की रिपोर्ट