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उपेन्द्र कुशवाहा के 'विरासत बचाओ नमन यात्रा' के पहले चरण का हुआ समापन, दूसरे चरण की नालंदा से होगी शुरुआत

उपेन्द्र कुशवाहा के 'विरासत बचाओ नमन यात्रा' के पहले चरण का हुआ समापन, दूसरे चरण की नालंदा से होगी शुरुआत

PATNA : राष्ट्रीय लोक जनता दल की विरासत बचाओ नमन यात्रा का पहला चरण सोमवार को सिवान के बिन्दुसार में समाप्त हुआ. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शहीद चंद्रशेखर उर्फ़ चंदूजी के स्मारक पर माल्यार्पण के बाद सभा को संबोधित किया और यात्रा के पहले चरण की समाप्ति का एलान किया. रालोजद नेता नेता फज़ल इमाम मल्लिक ने यह जानकारी दी है. यात्रा का दूसरा चरण होली के बाद 15 मार्च से शुरू होगा और 20 मार्च को ख़त्म होगा. दुसरे चरण की यात्रा की शुरुआत नालंदा जिले से होगी और अरवल में शहीद जगदेव प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद ख़त्म होगी.  


मल्लिक ने बताया कि 28 फ़रवरी को पश्चिम चम्पारण के भितिहरवा के बापू आश्रम से उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में विरासत बचाओ नमन यात्रा शुरू हुई थी. कुशवाहा यात्रा के दौरान तेरह जिलों में गए और अपने पूर्वजों को नमन किया. इस दौरान उन्होंने सैंकड़ों जनसभाओं को संबोधित किया और लोगों से सरोकार बनाया. मल्लिक ने बताया कि यात्रा से लोग बड़ी तादाद में जुड़े और कुशवाहा की बातों को सुना. सभी जिलों में यात्रा का ज़ोरदार स्वागत हुआ और लोगों ने कुशवाहा के फैसले को सराहा और स्वागत किया. मल्लिक ने बताया कि यात्रा के दौरान दुसरे दलों के जिला और प्रदेश स्तर के सैंकड़ों नेता कुशवाहा की नीतियों पर आस्था व्यक्त करते हुए रालोजद में शामिल हुए. 

मल्लिक ने कहा कि यात्रा में  लोग कुशवाहा से मिले और वर्तमान व्यवस्था और सत्ता के खिलाफ मुखरता से आवाज़ उठाई. उन्होंने कुशवाहा के जदयू छोड़ कर नया दल बनाने के फैसले का स्वागत भी किया और आने वाले दिनों में ताक़त देने का भरोसा दिलाया. मल्लिक ने बताया कि यात्रा को उम्मीद से बढ़ कर लोगों का साथ मिला. यात्रा में लोग शामिल होते रहे और अंत आते आते काफिले में लोगों की तादाद इतनी बढ़ी कि देर रात तक कुशवाहा का जन्सम्पर्क अभियान जारी रहता था. मल्लिक के मुताबिक़ कुशवाहा ने लोगों को बताया कि बिहार की अवाम ने 2005 में सत्ता में बदलाव किया. इससे पहले राज्य में हर तरफ बर्बादी का मंज़र दिखायी देता था. तब आप ने नीतीश कुमार जी को ताक़त दी और उन्होंने बिहार को इस स्थिति से बाहर निकाला. लेकिन वही नीतीश कुमार अब अपनी विरासत उन लोगों को ही सौंपने की बात कर रहे हैं, जिन्होंने बिहार को अराजक स्थिति में ला खड़ा किया था. ऐसा कर उन्होंने बिहार के दबे-कुचले, शोषित-वंचित, लव-कुश और अतिपिछड़े समाज का भी अपमान किया. जिन्होंने उन्हें ताक़त दी थी. हमारी कोशिश इस विरासत को बचाने की है और इसी मकसद के तहत हम बिहार की यात्रा कर रहे हैं.

मल्लिक ने बताया कि कुशवाहा ने सोमवार को मुज़फ्फ़रपुर से यात्रा शुरू की और रेवाघाट, मकेर, भेलदी, सोन्हो होते हुए सारण जिला के गढ़खा पहुंचे व जगलाल चौधरी के स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. फिर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. वहां से वे कोमा एकमा होते हुए सिवान के बिन्दुसार पहुंचे थे.

अभिजीत सिंह की रिपोर्ट 

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