छपरा. शिक्षा पर सरकारें लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है, पर इन दावों की सच्चाई कुछ और कहानी बयां कर रही है। मशरक प्रखंड के नगर पंचायत क्षेत्र के तख्त टोला स्थित प्राथमिक उर्दू विद्यालय शिक्षा की बदहाली का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यहां दो कमरों में 5 शिक्षक के भरोसे 5 कक्षाएं चल रही है।
इसको लेकर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शैरा बानो ने बताया कि विद्यालय में 5 शिक्षक हैं। वहीं विद्यार्थियों की संख्या 104 हैं, जिसमें 49 लड़के और 55 लड़किया हैं। विद्यालय में पढाई के लिए दो कमरे और किचन के लिए एक हैं। इससे शिक्षक तो परेशान है ही, छात्र छात्राओं को भी पठन-पाठन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर स्थानीय अभिभावकों में भी गुस्सा पनप रहा है। उनका कहना है कि यदि सरकार विद्यालय की स्थिति में सुधार नहीं की तो स्कूल में ताला लगा देंगे।
बताया जा रहा है कि विद्यालय जर्जर हालत में है। पड़ोस के ही शख्स के द्वारा विद्यालय की जमीन पर अपना दावा पेश करते हुए विवाद खड़ा कर दिया गया है, जिससे विद्यालय का विकास रूक गया है। साथ ही विद्यालय में बिजली का कनेक्शन भी नहीं है। विद्यालय के अंधेरे कमरों में छात्र पढ़ने को विवश हैं। विद्यालय के बच्चों ने बताया कि आम दिनों में एक ही कमरें में दो दो क्लास चलती है। वहीं बरसात के दिनों में जर्जर छत से पानी चूने से बच्चे परेशान रहते हैं।
बताया जा रहा है कि एक कमरे में तीन-तीन कक्षाओं के बच्चे पढ़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यहां पढ़ाई के नाम पर औपचारिकताएं निभायी जा रही है। छात्रों ने कहा कि एक ही रूम में तीन कक्षाएं के चलने से पढ़ने में बहुत ही परेशानी होती हैं। ना कुछ समझ में आता है और ना हमलोग अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते हैं।