KATIHAR : तीन नदियों गंगा,महानंदा और कोसी के कहर के कारण बाढ़ के रेड जोन माने जाने वाले कटिहार में बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए इस बार पहले से ही तैयारी शुरू कर दिया गया है। इस तैयारी में सबसे खास बात यह है की अचानक आई बाढ़ से जो जान-माल की बड़ा नुकसान होता है उसको कम किया जा सकता है। इसी को लेकर कटिहार जिला प्रशासन एक नायाब तैयारी करते हुए होमगार्ड, बीएमपी के जवान और कुछ निजी गोताखोरों को विशेष प्रशिक्षण दे रहे हैंछ
तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण में बीएमपी 7 के विशेष प्रशिक्षक के माध्यम से बाढ़ के दौरान किसी के डूबने की स्थिति में किस तरह उसकी जान बचाया जा सकता है, इसे लेकर तीन दिवसीय प्रशिक्षण के माध्यम से लगभग सौ लोगों को ऐसा प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं ताकी जरूरत के समय इनका लाभ लिया जा सके, कटिहार बीएमपी 7 कैंपस में आयोजित तालाब में इस प्रशिक्षण के बारे में बीएमपी 7 कमांडेंट और आपदा प्रबंधन के अधिकारी एडीएम ने बताया कि यह ट्रेनिंग बेहद लाभदायक साबित होने वाला है क्योंकि बाढ़ के कारण इस इलाके में हर बार हादसा होता है।
उन्होंने बताया कि पहले से ही प्रभावित इलाकों में ऐसे गोताखोर नियुक्त रहने से कम से कम क्षति होगी एन.डी.आर.एफ और एस.डी.आर.एफ के तरफ जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए जा रहे हैं यह क्यू.आर.टी टीम बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लिए बेहद प्रभावी साबित होने वाला है।