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NDA से मिली चोट ने उपेन्द्र और अरूण को फिर से मिलाया, शरद की अगुवाई में एक साथ महागठबंधन में जाने की तैयारी

NDA से मिली चोट ने उपेन्द्र और अरूण को फिर से मिलाया, शरद की अगुवाई में एक साथ महागठबंधन में जाने की तैयारी

PATNA: NDA से मिली चोट ने उपेन्द्र कुशवाहा और अरूण कुमार के बीच की दुश्मनी ख़त्म करा दिया है. दोनों नेता एक बार फिर एक दूसरे के ज़ख़्मों पर मरहम लगायेंगे. सियासी गलियारे से आ रही बड़ी खबर ये है कि उपेन्द्र कुशवाहा और अरूण कुमार एक साथ मिलकर राजद-कांग्रेस के महागठबंधन में इंट्री मारने की तैयारी में है. 

अरूण करेंगे उपेन्द्र के समर्थन का एलान 

जानकार सूत्रों के मुताबिक़ सांसद अरूण कुमार बक़ायदा प्रेस कांफ्रेस कर 'नीच' प्रकरण में उपेन्द्र कुशवाहा का समर्थन करेंगे. तीन साल पहले अनंत सिंह को लेकर नीतीश कुमार का कलेजा तोड़ने की धमकी देने वाले अरूण कुमार अब उपेन्द्र के लिए बिहार के मुख्यमंत्री को चेतायेंगे. सूत्रों की मानें तो लंबे अर्से बाद दोनों नेताओं में बातचीत हुई है और साथ चलने पर सहमति बन गयी है.

NDA से मिली चोट ने एक किया 

दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा और अरूण कुमार ने साथ मिलकर RLSP को बनाया था. लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद दोनों की राहें जुदा हो गयीं. अरूण कुमार ने उपेन्द्र कुशवाहा पर भ्रष्टाचार और चरित्रहीनता जैसे गंभीर आरोप लगाये थे और अलग गुट बना लिया था. पार्टी के एक विधायक ललन पासवान भी अरूण कुमार के साथ आ गये थे. अरूण को उम्मीद थी कि NDA उन्हें कम से कम लोकसभा की एक सीट ज़रूर देगा. लेकिन ना नीतीश और ना ही बीजेपी ने उनका नोटिस लिया. उधर, बड़े बड़े ख़्वाब पाल बैठे उपेन्द्र कुशवाहा भी चोट खा बैठे. बीजेपी और जेडीयू ने उन्हें गठबंधन से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

NDA में उपेन्द्र को जगह नहीं मिली 

जानकारों की मानें को NDA में उपेन्द्र कुशवाहा को जगह नहीं मिली. भाजपा-जदयू ने अपने लिये 17-17 और LJP के लिए 6 सीट का फ़ार्मूला तय कर लिया है. बड़े सबने देख रहे उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मिलने तक का वक्त नहीं दिया. 

शरद की अगुवाई में महागठबंधन से होगा मोल-जोल 

सूत्रों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा और अरूण कुमार शरद यादव की अगुवाई में महागठबंधन में इंट्री मारने की तैयारी में है. दोनों नेता शरद से मिल चुके हैं. जानकारों के मुताबिक़ शरद यादव ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि तीनों मिल कर महागठबंधन से 6 सीट ले सकते हैं, जिसे आपसी सहमति के आधार पर बाँटा जा सकता है. शरद उस हालात की भी परिकल्पना कर रहे हैं जब राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के बँटवारे पर सहमति नहीं बनेगी. शरद, उपेंद्र और अरूण कुमार की तिकड़ी तब कांग्रेस से तालमेल कर चुनाव लड सकती है. तब सीटों की संख्या भी बढ जायेगी. दरअसल शरद यादव को लालू यादव भाव नही दे रहे हैं और ऐसे में उपेंद्र-अरूण का साथ उनकी सियासत की रूक रही साँसों को फिर से सही कर सकती है. 

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