भारत ने एशियाड के 72 साल के इतिहास में पहली बार पदकों का सौ का आंकड़ा पार किया. 107 पदक के साथ भारत एशिया के 45 देशों में चौथे नंबर पर पहुंच गया है. जिस तरह आखिरी दिन भारतीय खिलाड़ियों ने छह स्वर्ण पदक हासिल किये, उससे अंत भला तो सब भला की कहावत चरितार्थ हुई. भारतीय खिलाड़ियों ने 14वें दिन छह स्वर्ण समेत 12 पदक जीते. हांगझोऊ में भारत की बेटियों ने अपना दम दिखाया और पहला के साथ सौवां पदक बेटियों ने ही जीता. शियाड में भारत की धरती में फले-फूले खेलों की पताका लहरायी है.हमने परंपरागत हाकी और कबड्डी में स्वर्ण पदक जीतकर देश की प्रतिष्ठा को कायम रखा है. एथलीटों और निशानेबाजों ने भी परचम लहराया.
एशियाड में खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. एक सिक्योरिटी गार्ड, श्रमिक की बेटी ने सोने का तमगा जीता.संसाधनों के अभाव और अच्छी डाइट न मिलने के बावजूद वे देश का सिर गर्व से ऊंचा करते हैं., खेल प्रतिभाओं को दूर-दराज के इलाकों में तलाश कर तराशे जाने की आवश्यकता है. जब कोई खिलाड़ी पदक जीतकर आता है तो सरकारें लाखों-करोड़ों के पुरस्कार देने की घोषणा करती हैं.बता दें एशियन गेम्स में भारत ने पदकों का शतक लगाते हुए 25 गोल्ड, 35 सिल्वर, और 40 ब्रॉन्ज मेडलजीता है. वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट करके भारतीय दल को बधाई दी है.उन्होंने एथलीटों की तरीफ करते हुए कहा कि मैं अपने एथलीटों को हार्दिक बधाई देता हूं जिनके प्रयासों से भारत को यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. उन्होंने कहा कि इनके शानदार प्रदर्शन ने इतिहास रचने के साथ ही हमारे दिलों को गर्व से भर दिया है.
इससे पहले भारत ने एशियन गेम्स में कभी भी 100 पदक नहीं जीते हैं. पिछले 72 सालों में पहली बार ऐसा कारनामा हुआ है.