DESK. रमदान के महीने में नमाज को लेकर हुए एक विवाद में विदेशी छात्रों पर हमला करने का मामला सामने आने पर सियासत गरमा गई है. खबरों के मुताबिक, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में नमाज पढ़ने को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया, जिसके बाद हॉस्टल में रहने वाले अफगानी और अन्य छात्रों के साथ मारपीट की गयी. कहा जा रहा है कि गमछा पहने और जयश्रीराम का नारा लगाते हुए हॉस्टल में घुसी भीड़ ने हॉस्टल में पथराव और तोड़फोड़ भी की. इस विवाद में यूनिवर्सिटी के 5 छात्र घायल हो गए हैं.
वहीं घटना के बाद गुजरात यूनिवर्सिटी की वीसी नीरजा अरुण गुप्ता ने कहा कि ''कल रात करीब 10.30 बजे उस हॉस्टल में एक घटना घटी जहां विदेशी छात्र रहते हैं. यहां करीब 300 छात्र पढ़ते हैं. उनमें से 75 विदेशी छात्रों को समर्पित ए ब्लॉक में रहते हैं. दो गुटों के बीच झड़प हो गई जिसके बाद मामला बढ़ गया. कुछ विदेशी छात्र घायल हो गए. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पुलिस और सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. जांच जारी है. कुछ वीडियो वायरल हैं और पुलिस मामले को सुझलाने की कोशिश कर रही है.
अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय में अज्ञात हमलावरों द्वारा विदेशी छात्रों पर हमले हुए हैं. "गुजरात विश्वविद्यालय में लगभग 300 विदेशी छात्र पढ़ते हैं और लगभग 75 विदेशी छात्र ए ब्लॉक (हॉस्टल) में रहते हैं। कल, लगभग 10:30 बजे एक छात्रों का एक समूह नमाज पढ़ रहा था। लगभग 20-25 लोग आए और उनसे पूछा कि वे यहां नमाज क्यों पढ़ रहे हैं और उन्हें इसे मस्जिद में पढ़ना चाहिए। उनके बीच बहस हुई, पथराव हुआ और लोगों ने उनके कमरों में तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और 20-25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.एक व्यक्ति की पहचान की गई है। कानून व्यवस्था की स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका और ताजिकिस्तान के दो छात्र अस्पताल में भर्ती हैं।
इस बीच, AIMIM चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में अफगानी मुसलमान छात्रों पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'कितनी शर्म की बात है। जब आपकी भक्ति और धार्मिक नारे तभी सामने आते हैं जब मुसलमान शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन करते हैं। जब आप मुसलमानों को देखकर बेवजह क्रोधित हो जाते हैं। यह सामूहिक कट्टरवाद नहीं तो क्या है? यह का गृह राज्य है। अमित शाह और नरेंद्र मोदी क्या वे कड़ा संदेश भेजने के लिए हस्तक्षेप करेंगे? मैने अपनी सांस नहीं रोक रखी है। जयशंकर घरेलू मुस्लिम विरोधी नफरत भारत की सद्भावना को नष्ट कर रही है।'