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भूल गए जेपी को : जिनके नाम पर विश्वविद्यालय, उन्हीं की पुण्यतिथि को भूल गया प्रबंधन, विचारधारा हटाने पर आंदोलन करनेवाले राजनेता भी चुप

भूल गए जेपी को : जिनके नाम पर विश्वविद्यालय, उन्हीं की पुण्यतिथि को भूल गया प्रबंधन, विचारधारा हटाने पर आंदोलन करनेवाले राजनेता भी चुप

CHHAPRA : संपूर्ण क्रांति के प्रणेता व  लोकनायक जय प्रकाश नारायण (Lok Nayak Jayaprakash Narayan) की पुण्यतिथि प्रत्येक वर्ष 8 अक्टूबर को होती है।हर साल जयप्रकाश विश्वविद्यालय जयप्रकाश विश्वविद्यालय (Jaiprakash University of Chhapra) प्रबंधन श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर इस दिवस को मनाता है। लेकिन, इस वर्ष जेपी विश्वविद्यालय में किसी प्रकार का समारोह आयोजित नहीं किया गया। हद तो यह है कि जेपी के स्मारक पर यूनिवर्सिटी की तरफ से न तो साफ सफाई की, न ही उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। 

रिसर्च स्कॉलरों के संगठन ने कराई सफाई

इस दौरान रिसर्च स्कॉलर एसोसिएशन यानी आरएसए (RSA) के कार्यकर्ता दोपहर में जैसे ही विश्वविद्यालय कैंपस में पहुंचे वहां जयप्रकाश नारायण की मूर्ति गंदी दिखाई पड़ी. पूछने पर पता चला कि अभी तक यहां श्रद्धांजलि अर्पित नहीं की गई है. इसके तुरंत बाद छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं नेझाड़ू और कपड़ा लेकर सफाई अभियान चालू कर दिया. पहले तो मूर्ति को साफकी गई और जहां मूर्ति स्थापित है, उसके अगल-बगल की जगहभी सफाई अभियान चलाया गया. उसके बाद  लोकनायक जयप्रकाश नारायण के मूर्ति पर फूल का माला पहना कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया.

जेपी की विचारधारा हटाने पर की गई राजनीति

पिछले दिनों पाठ्यक्रम से जेपी की विचारधारा हटाने को लेकर बिहार के नेताओं ने जमकर राजनीति की थी। लालू प्रसाद से लेकर सरकार में बैठे नेता भी इसके लिए आंदोलन करने को तैयार थे। आरएसए के संयोजक प्रमेंद्र सिंह कुशवाहा का कहा किकुछ तथाकथित विद्वानों राजनेताओं, शिक्षकों एवं छात्र संगठन के द्वारा जेपी को लेकर बहुत प्रेम उभरा था  उस दिन भी हमलोगों ने कहा था कि यह मात्र दिखावा कर रहे हैं. इन लोगों को जेपी के विचार एवं सिद्धांत से कोई लेना-देना नहीं है। जेपी को लेकर उनमें कितना प्रेम है, यह जाहिर हो गया है।

विश्वविद्यालय प्रबंधन पर भी उठाए सवाल
 
 आरएसए छात्रों ने कहा कि सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जेपी जयंती मनानेके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जितना सजग रहता है, पुण्यतिथि को भूल गए. विश्वविद्यालय प्रशासन पुण्यतिथि के अवसर पर दो फूल भी अर्पित नहीं कर पाए.

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