कल केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, इन विभूतियों को भारत रत्न देने की करेंगे मांग

NEW DELHI : बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम(से.) के संरक्षक जीतनराम मांझी कल गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक पर्वत पुरुष दशरथ मांझी, जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर मांझी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमित शाह से मुलाकात करेगा। इसकी जानकारी हम(से.) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार ने दी है। 

बताते चलें की गया जिले के रहनेवाले दशरथ मांझी अपने हाथों से 22 वर्षों तक उस पहाड़ की चट्टानों को काटते रहे थे जो उनकी पत्नी की मौत की वजह बनी थी। वर्ष 1960 से लेकर 1982 तक पहाड़ को छेनी और हथौड़ी से काट डाला था। 22 सालों में 25 फीट ऊंचा, 30 फीट चौड़ा और 360 मीटर लंबे पहाड़ को काटकर आम लोगों के लिए रास्ता बना दिया। इस रास्ते के बन जाने से गहलौर से वजीरगंज सहित कई गांवों के आवागमन के लिए 40 किलोमीटर की दूरी कम गई। इसे मोहब्बत का प्रतीक भी कहा जाता है। 

वहीँ कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में गरीबों और दबे-कुचले वर्ग की आवाज बनकर उभरे थे।  कर्पूरी ठाकुर बिहार में दो बार मुख्यमंत्री एक बार उप मुख्यमंत्री रहे। इसके साथ ही दशकों तक विपक्ष के नेता रहे। कर्पूरी ठाकुर 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव में जीते। जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर- कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने उप मुख्यमंत्री बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्मकर दिया। इसके चलते उनकी आलोचना भी हुई। 

श्रीकृष्ण सिंह 1946–1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनके सहयोगी डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह उनके मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री के रूप में आजीवन साथ रहे। श्रीकृष्ण सिंह के महज 10 साल के कार्यकाल में बिहार में उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला व सामाजिक क्षेत्र में कई कार्य हुये। उनमें आजाद भारत की पहली रिफाइनरी- बरौनी ऑयल रिफाइनरी, आजाद भारत का पहला खाद कारखाना- सिन्दरी और बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना-भारी उद्योग निगम (एचईसी) हटिया, देश का सबसे बड़ा स्टील प्लांट-सेल बोकारो, बरौनी डेयरी, एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड-गढ़हरा, आजादी के बाद गंगोत्री से गंगासागर के बीच प्रथम रेल सह सड़क पुल-राजेंद्र पुल, कोशी प्रोजेक्ट, पुसा व सबौर का एग्रीकल्चर कॉलेज, बिहार, भागलपुर, रांची विश्वविद्यालय इत्यादि जैसे कई उदाहरण हैं।

नई दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट