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पूर्व DGP 'सिंघल' का है विवादों से नाता..अब सिपाही भर्ती बोर्ड अध्यक्ष रहते 'एक्जाम' में हुई भारी धांधली, नेता प्रतिपक्ष ने CM नीतीश को लपेटा

पूर्व DGP 'सिंघल' का है विवादों से नाता..अब सिपाही भर्ती बोर्ड अध्यक्ष रहते 'एक्जाम' में हुई भारी धांधली, नेता प्रतिपक्ष ने CM नीतीश को लपेटा

PATNA: बिहार में सिपाही बहाली की परीक्षा में जमकर धांधली हुई. बड़ी संख्या में सेटर भी गिरफ्तार किए गए. प्रश्न पत्र लीक होने की भी खबर है. हालाकि सिपाही भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एस.के.सिंघल ने पेपर लीक होने की बात को खारिज किया है. सिपाही भर्ती बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष पूर्व डीजीपी एस.के. सिंघल ही हैं. डीजीपी रहने के दौरान भी ये विवादों में रहे थे. अब सिपाही बहाली की परीक्षा में धांधली के बाद एस.के. सिंघल फिर से विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने सिंघल के साथ-साथ नीतीश सरकार को लपेटे में लिया है.

विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में बोर्ड की संलिप्तता से लगातार अनियमितता हो रही है. यहां सॉल्वर गैंग जैसे गिरोह काम कर रहे हैं। ये पूरे बिहार में घूम-घूम कर उगाही का काम करते हैं, जिसका एक बड़ा हिस्सा ऊपर के लोगों तक पहुँचता है। इतना ही नहीं बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा हो, कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा हो, अमीन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक का मामला हो, दरोगा की बहाली में धांधली हो या अन्य पात्रता परीक्षाएँ हो, हर जगह परीक्षा के दिन पेपर लीक होने की ख़बर आ ही जाती है। आजकल तो पूरी टेक्नोलॉजी के सहारे और विभागों की मिलीभगत से इस तरह का कृत्य किय़ा जा रहा है।

विजय सिन्हा ने कहा कि ऐसे सरकार के विभागों में प्रत्येक दिन करोड़ों की वसूली और उगाही का खेल चल रहा है। और ये सब मुख्यमंत्री जी के नाक के नीचे हो रहा है। चूंकि यह सारा खेल उनके द्वारा सुनियोजित तरीके से की जा रही है, इसलिए अफसरों के भीतर से डर और भय गायब हो चुका है। चाहे शिक्षा विभाग हो, स्वास्थ्य विभाग हो, नगर विकास हो, सभी जगह खुल के बोली लगाईं जा रही है और आम जनता की मेहनत के पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार चलाने में पूरी तरह से विफल हैं .उनकी नियत और नीति दोनों सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभागों में उच्च पदों पर अफसरों की नियुक्ति सीधे तौर पर मुख्यमंत्री सत्ता लाभ और अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये कर रहे हैं।  

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर निशाने पर लेते हुए कहा कि जून 2023 में मुजफ्फरपुर नगर निगम में नल-जल योजना मद में 42 करोड़ रुपये की लूट, जीविका नियुक्तियों में  करीब 70 प्रतिशत कर्मियों का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, बिहार विधानसभा में बहाली का घोटाला और कमीशनखोरी ऐसे दर्जनों घोटालों की लिस्ट है जिसमें उच्च स्तर के अधिकारीयों की संलिप्ता है। सिन्हा ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग हो, बिहार सिपाही भर्ती बोर्ड हो, या अन्य आयोग, बोर्ड हो सभी में मुख्यमंत्री द्वारा अपने चहेते अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कुछ लोगों को तो सेवानिवृति के पश्चात् भी उनकी वफ़ादारी के कारण यहाँ जगह दी गई है। ये चहेते अधिकारी पूर्व से भी किसी न किसी विवादों में रहे हैं। उदाहरण के तौर पर पूर्व डीजीपी इस.के.सिंघल को ही देखा जा सकता है, जिन्हे जनवरी में ही सिपाही भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ऐसे ही सरकार के विभागों में प्रत्येक दिन करोड़ों की वसूली और उगाही का खेल चल रहा है। यह सब मुख्यमंत्री के नाक के नीचे हो रहा है।चूंकि यह सारा खेल उनके द्वारा सुनियोजित तरीके से की जा रही है, इसलिए अफसरों के भीतर से डर और भय गायब हो चुका है। 

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