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बीपीएससी पेपर लीक कांड के मुख्य सरगना शक्ति से संबंधों पर गया के पूर्व DM अभिषेक का खुलासा, शस्त्र लाइसेंस देने में मुझ से ज्यादा इन लोगों की भूमिका

बीपीएससी पेपर लीक कांड के मुख्य सरगना शक्ति से संबंधों पर गया के पूर्व DM अभिषेक का खुलासा, शस्त्र लाइसेंस देने में मुझ से ज्यादा इन लोगों की भूमिका

पटना. बीपीएससी पेपर लीक आरोपी शक्ति सिंह को गया जिले से शस्त्र लाइसेंस जारी होने के मामले में कथित अनियमितता या नजदीकियों पर गया के पूर्व जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने सफाई दी है. अभिषेक सिंह ने शनिवार को news4nation से बात करते हुए कहा कि शक्ति सिंह से उनकी कोई जान पहचान नहीं है. शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया नियमों के अनुरूप हुई थी. उन्होंने कहा कि जब वे गया के डीएम थे उस दौरान कई लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी हुआ जिसमें शक्ति सिंह भी शामिल था. 

शस्त्र लाइसेंस देने में इन लोगों की भूमिका: पूर्व डीएम अभिषेक ने कहा कि शस्त्र लाइसेंस के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है. आवेदन के बाद उसकी जांच और अनुशंसा की प्रक्रिया है. शक्ति के मामले में भी यही हुआ था. पहले स्थानीय थाने ने जांच की होगी. उसके बाद डीएसपी की अनुशंसा पर एसडीओ और फिर एसपी की ओर से लाइसेंस जारी करने की अनुशंसा हुई होगी. अंत में डीएम के पास सुनवाई होती है और सभी प्रकार की अनुशंसा और सम्पुष्टि के बाद ही उसे लाइसेंस जारी हुआ होगा. 


उन्होंने कहा कि जिले में हर साल 300 से 400 लोग शस्त्र लाइसेंस का आवेदन करते हैं. इसलिए एक जिलाधिकारी का किसी आवेदक से परिचय होना संभव नहीं है. शक्ति सिंह के मामले में भी यही है. उससे हमारी कोई पहचान नहीं है. मनोरमा देवी, शंकर यादव जैसे कुछ लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द होने के मामले का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर लाइसेंस जारी होने के बाद किसी पर अपराधिक मामला दर्ज होता है तो उसका लाइसेंस रद्द होता है. जैसा शक्ति सिंह के मामले में हुआ है. शक्ति सिंह से अपनी किसी प्रकार की नजदीकी होने की बातों को अभिषेक ने ख़ारिज किया. 

गया डीओ के आरोप निराधार : जब news4nation  ने उनसे पूछा कि गया के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि जिले में परीक्षा केंद्र डीएम अभिषेक सिंह के इशारे पर तय किए गए. इस पर अभिषेक ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा के बाद परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं. इसमें डीएम की ओर से कोई केंद्र स्थापित करने या मान्यता देने वाली कोई भूमिका नहीं है. शक्ति सिंह से जुड़े कॉलेज के मामले में भी यही हुआ होगा. यह जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा पर हुआ होगा. अभिषेक ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा केंद्र भी मानकों का अनुपालन होने पर दिया जाता है. उन्होंने किसी जगह केंद्र बनाने में मेरा दबाव होना या भूमिका होने की बातें बेबुनियाद है. कौन सा परीक्षा केंद्र होना इसमें डीएम की भूमिका नहीं होती. 

बार बार सराहा गया मेरा काम : अपने पर लगे विभिन्न आरोपों और अनियमितता पर आश्चर्य जताते हुए अभिषेक ने कहा कि वे पटना और गया में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कृत हो चुके हैं. पटना में प्रकाश पर्व, स्मार्ट सिटी योजना में पटना को टॉप 5 में स्थान आने, स्टेंडर्ड ग्राम स्वराज अभियान में गया को प्रथम अवार्ड मिलने सहित गया को विधानसभा चुनाव में बेहतर काम के लिए अवार्ड उनके कार्यकाल में मिला. इसी तरह 2015 में त्रिपुरा में बेहतर कार्य के लिए प्रधानमंत्री अवार्ड मिला. उन्होंने कहा कि उन्हें अनुसंधान प्रक्रिया और सरकार पर पूरा भरोसा है.


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