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जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने रची थी दिल्ली दंगों की साजिश, कोर्ट में पेश किए गए कई महत्वपूर्ण गवाह

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने रची थी दिल्ली दंगों की साजिश, कोर्ट में पेश किए गए कई महत्वपूर्ण गवाह

दिल्ली. जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर भड़काने का आरोप लगा है. दिल्ली की कड़कड़डूबा कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकीलों ने उमर खालिद के खिलाफ बड़े पैमाने पर सबूत पेश किए हैं. इन सबूतों के आधार पर कोर्ट को बताया गया है कि उमर खालिद ने दिल्ली दंगों को भड़काने की साजिश रची. दिल्ली में फरवरी 2020 में केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में दिल्ली में दंगे हुए थे। इसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

कोर्ट में सबूत के तौर पर व्हाट्सअप मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया गया, जिसमें लिखा है 'आग लगाने की पूरी तैयारी है.' इस मौके पर कोर्ट में कुछ चश्मदीद भी पेश किए गए. यह वो लोग थे, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हिस्सा बनने गए थे, लेकिन हिंसा की जानकारी होने पर वापस लौट गए. 

जज अमिताभ रावत की वर्चुअल कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से बताया गया कि 15 और 16 जनवरी को एक बैठक हुई थी. चांद बाग में हुई इस बैठक में डंडे, पत्थर, लाल मिर्च, तेजाब आदि चीजें जुटाई गई थीं. वकील ने सवाल उठाए कि यदि इन्होंने शांतिपूर्ण बैठक की थी तो यह सब सामान जुटाने का उद्देश्य क्या था? वकील ने ओवैस नामक एक ऐसे ही सदस्य का बयान कोर्ट में पेश किया। उसका स्क्रीनशॉट पेश करते हुए बताया कि ओवैस ने पूछा था कि पुलिस पर हमला करने के लिए लोगों को लाल मिर्च पाउडर क्यों दिया गया? 

वकील की ओर से कहा गया कि उसी बैठक में उमर खालिद ने कहा था - सरकार मुसलमानों के खिलाफ है. भाषण से काम नहीं चलेगा. खून बहाना पड़ेगा. वकील ने कोर्ट में एक कथित गवाह का यह बयान पढ़ा. कोर्ट को यह भी बताया गया कि दंगों के दौरान जहांगीरपुरी में कई बांग्लादेशी लोगों को जुटाया गया और उन्होंने वहां लोगों को निशाना बनाया. 

वकील ने कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने एक बयान से पुष्ट होता है कि जाह्नवी, नताशा, उमर खालिद और तबरेज दिल्ली दंगों से जुड़े बड़े षड्यंत्र में शामिल थे. मजिस्ट्रेट के सामने बयान में कहा गया कि बुर्का पहने महिलाओं को लामबंद किया गया और पिंजा तोड़ के सदस्य जुटाए गए. इस प्रदर्शन में कोई स्थानीय लोग मौजूद नहीं थे. सुनवाई के दौरान तमाम सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत पेश किए गए. वरिष्ठ वकील अमित प्रसाद इस मामले में कल भी अपना पक्ष रखेंगे. गुरुवार सुबह 11 बजे से फिर मामले की सुनवाई होगी.


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