न्यूज़4Nation डेस्क: क्रिकेट दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। खासतौर पर भारत में तो क्रिकेट और क्रिकेटरों की पूजा तक होती है। भारत ने कई क्रिकेटर्स को जन्म दिया है। इनमें से कुछ तो महान खिलाड़ी बनकर उभरे, वहीं कुछ एवरेज बन कर रह गए। लेकिन इन सभी के अलावा कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो बेहतरीन प्रदर्शन के साथ की। लेकिन अपने खेल में स्थिरता रखने में कामयाब नहीं रहे और आज गुमनाम हो चुके हैं।
जहां एक ओर सोशल मीडिया पर कई प्लेयर्स के लाखों-करोड़ों फॉलोअर्स हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ क्रिकेटर्स का नाम तक लोग नहीं जानते होंगे। आज हम ऐसे ही 5 भारतीय खिलाड़ियों की बात करने वाले हैं जो करियर के शुरुआती दौर में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद लंबे समय तक टिक नहीं पाए। अगर आप क्रिकेट लवर हैं तो फिर ये स्टोरी अंत तक जरूर पढ़ें।
वसीम जाफर
वसीम रणजी ट्रॉफी के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। फिलहाल वे रणजी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। इसके बावजूद वे भारतीय टीम के लिए खास साबित नहीं हुए। 2008 के बाद से उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली, वसीम जाफर ने कुल 31 टेस्ट मैच खेलें हैं जिसमें 34.10 की औसत से 1944 रन बनाएं है जिसमे एक दोहरा शतक भी शामिल है, हालाकि उन्हे वनडे खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिला है
पकंज सिंह
राजस्थान के लिए सबसे अच्छे बॉलर साबित होने वाले पंकज सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना सिक्का नहीं जमा पाए। उन्होंने भारत के लिए एकमात्र ODI 2010 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। इसमें पंकज ने बिना कोई विकेट लिए 45 रन दिए थे। पंकज ने 2014 के बाद से भारतीय टीम के लिए कोई मैच नहीं खेला।
अभिमन्यु मिथुन
कर्नाटक के पेस बॉलर अभिमन्यु ने अपने रणजी ट्रॉफी के पहले सीजन में 47 विकेट लेकर एक अलग ही पहचान बनाई थीं। उन्होंने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला था, जिसमें 4 विकेट लेकर 105 रन दिए थे। 2011 से बाद से अभिमन्यु ने भारत के लिए कोई मैच नहीं खेला।
सुब्रमण्यम
बद्रीनाथ
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ तमिलनाडू के कप्तान रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बद्रीनाथ 2013 और 2015 में आईपीएल का भी हिस्सा बने। लेकिन भारतीय टीम के लिए उनका खेल प्रभावी साबित नहीं हुआ। बद्रीनाथ और विराट कोहली ने एक साथ 2008 में श्रीलंका के खिलाफ ODI सीरीज से अपना डेब्यू किया था। इसके बाद उन्हें खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले।
सौरभ तिवारी
टीम इंडिया के कैप्टन कूल एमएस धोनी जैसी स्टाइल, वैसे ही लंबे बाल. उन्हीं के राज्य झारखंड से फर्स्ट क्लास क्रिकेट, आईपीएल में कुछ चमकदार इनिंग्स. उसी के सहारे वनडे में टीम इंडिया की कैप. लेकिन सौरभ तिवारी भी ज्यादा समय तक टीम में नहीं रह पाए, भारतीय टीम में उन्हें 2010 के एशिया कप के दौरान चुना गया. मगर मौका नहीं मिला. फिर उसी साल अक्टूबर में विशाखापट्टनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में उनका डेब्यू हुआ. उन्होंने कुल तीन मैच खेले और किसी में भी खास नहीं कर पाए.