BETTIYA : खबर प•चम्पारण के लौरिया से है जहाँ रुक रुक कर हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। गन्ने की फसल की बर्बादी के बाद अब धान की तैयार फसल खेत मे कटनी से पहले बर्बाद हो गई है । कई किसानों ने धान की कटनी भी शुरू कर दी है । इस बीच एक बार फिर से बारिश शुरू हो जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं।
किसानों का कहना है कि लगातार बारिश से धान की बालियां लगने के साथ ही बारिश ने धान की फसल को पानी में गिरा दिया है।ऐसे में अब धान की फसलें से भी उपज नाममात्र होने की उम्मीद है। जिन किसानों के धान की फसल पककर तैयार है। वे अब कटनी के लिए मौसम ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। इस साल बारिश के कारण गन्ना और धान की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। एक तरफ कोरोना महामारी ,तो वहीं इस बार समय पर एक बार जहां किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली थी, लेकिन यह लंबे समय कायम नहीं रह सकी।
पहले तो मानसून के आने के समय से लगातार बारिश और नेपाल के तराई इलाके में भी हुई बारिश से जिला को एक नहीं चार चार बाढ़ का सामना करना पड़ा जिससे गन्ना का फसल तो पहले ही बर्बाद हो गया अत्यधिक पानी से वही धान का तीन तीन बार रोपाई करने पर भी नही बाख सका था जो बचा था वह पिछले दिनों लगातार हुई तीन से चार दिन का बारिश ने रही सही फसल भी अब बर्बादी की कगार पर है । जिससे किसानों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है।