GAYA : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के साथ चलने वाले 103 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी द्वारीको भाई सुंदरानी का बुधवार को निधन हो गया. बता दें कि द्वारीको भाई सुंदरानी समन्यव आश्रम बोधगया के संस्थापक, अनौपचारिक शिक्षा के प्रणेता, बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के पूर्व सचिव, बोधगया में 37 वर्षों से चल रहे भंसाली ट्रस्ट संचालित नेत्र चिकित्सा शिविर के मुख्य आयोजक रह चुके थे.
साथ ही महात्मा गांधी, संत विनोवा भावे ,लोकनायक जयप्रकाश नारायण जैसे कई महान विभूतियों के साथ रह चुके थे. उन्होंने बोधगया में समन्यव आश्रम का काफी विस्तार किया और गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा दी. उनसे शिक्षा पाकर उनके कई शिष्य विधायक और सांसद बने. इस संबंध में संस्था के ट्र्स्टी विमल बहन ने बताया की वर्ष 1968 के आकाल में वे बोधगया आए थे और ब्रह्मचर्य जीवन को व्यतीत करते हुए उनका निधन हुआ है.
बोधगया में उन्होंने समन्यव आश्रम की जमीन पर खुद से मिट्टी काटकर जमीन को साफ सफाई कर जमीन को उपजाऊ बनाया. उसके बाद उन्होंने समन्यव आश्रम का निर्माण कराया. मिली जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी के साथ उन्होंने देश की आजादी के लडाई में भी कई भाग लिया. जब माहात्म्य गांधी जेल गए थे. तब द्वारिको भाई सुंदरानी उनके सहायता के लिए हर संभव प्रयास किया था. इनका दाह संस्कार 1 अप्रैल को समन्यव आश्रम बोधगया में संध्या 5 बजे किया जायेगा.
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट