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प्रशासन से लेकर मंत्री तक लगा चुके गुहार, नदी पर नहीं बना पुल फिर एक की गई जान , देखिए क्या है हालात....

प्रशासन से लेकर मंत्री तक लगा चुके गुहार, नदी पर नहीं बना पुल फिर एक की गई जान , देखिए क्या है हालात....

NAWADA : जिले के धनार्जय नदी पर पुल नहीं होने की वजह से इस इलाके के लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बरसात के दिनों में तो इस इलाके के कई लोग असमय ही काल की गाल में समा जाते है। पुल नहीं होने की वजह से बीमार ग्रामीणों का सही समय पर इलाज नहीं हो पाता है और इलाज के अभान में उनकी मौत हो जाती है। पुल नहीं होने का खामियाजा एक और ग्रामीण को अपनी जान की कीमत देकर चुकानी पड़ी। 

जिले के रजौली चितरकोली पंचायत के मुखिया पति राजकुमार ने बताया कि शनिवार को गांव के ही रामस्वरूप यादव की तबियत काफी बिगड़ गई। नदी में पानी ज्यादा होने की वजह से अस्पताल ले जाने में देरी हो गई। इलाज में देरी होने की वजह से आज रविवार को उनकी मौत हो गई। मुखिया पति कहते है कि इस मौत की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा। अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को आवेदन देने के बाद भी अब तक नदी पर पुल का निर्माण नहीं कराया गया है। जिसकी कीमत लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। 

मुखिया पति ने बताया कि इस इलाके के लोगों को सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।  इस गांव में पुल निर्माण को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार तक को आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक किसी ने इन गांव वाले के प्रति ध्यान देने का काम नहीं किया है।

वहीं 1 वर्ष पूर्व पंचायत की मुखिया सुनीता देवी ने  मंत्री श्रवण कुमार व डीएम को आवेदन देकर नदी पर पुल पुलिया का निर्माण करने का अनुरोध किया था। डीएम को दिए आवेदन में मुखिया सुनीता देवी ने कहा कि एनएच- 31 से सिली दिबौर तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य हुआ है। बीच में धनार्जय नदी पड़ने के कारण उस पर पुल का निर्माण नहीं हुआ है। पुल निर्माण के बिना आज भी यह नवनिर्मित सड़क बंद पड़ी है। जिसके कारण खासकर बरसात में तो पूर्ण रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का इस पार आना बंद हो जाता है। 

नदी पर पुल नहीं होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों को आवश्यक सुख-सुविधाओं के लिए 3 से 4 फीट तक पानी की लहराती धाराओं के बीच पार कर रजौली प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ रहा है। चाहे बाजार से सामानों की खरीदारी करनी हो या पढ़ने के लिए विद्यालय जाना हो या किसी लोगों की तबीयत खराब होने पर बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाना हो। ऐसे मौकों पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मजबूरन पानी की धाराओं के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। 

बता दें कि बरसात के कारण क्षेत्र की महत्वपूर्ण धनार्जय नदी समेत कई नदियों में इस समय पानी का जलस्तर बढ़ गया है। जंगली क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश से नदियां उफन रही है। इनमें से कई नदियों में तो 24 घंटे के अंदर पानी का जलस्तर सामान्य हो जा रहा है, तो कई ऐसी भी नदियां है जहां पर 2 से 3 दिनों तक बारिश का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। नदी पर पुल नहीं होने की वजह शहर से लोगों का संपर्क भंग हो गया है। शहर में आने के लिए उन्हें जान पर खेलकर उफनती नदी को पार करना पड़ रहा है। 

नवादा से अमन सिन्हा की रिपोर्ट

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