जितना भी पढ़ा सब बता दिया फिर भी नहीं दे पाये सही उत्तर
बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने यह खुलासा किया है। उन्होंने फेसबुक पेज पर लिखा है- पुलिस को शक्ति कहाँ से मिलती है? उन्होंने अपने बारे में बताया कि मैं सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थापित था। पिताजी के एक IPS मित्र ने मुझसे एक सवाल पूछ दिया - "यह बताओ कि पुलिस की शक्तियाँ तुम्हें कहाँ से मिलती हैं?"अभयानंद ने कहा कि सवाल के बाद पिछले एक साल में कानून की जितनी पढ़ाई की थी उन सब को बारी-बारी से उनको बता दिया, इस विश्वास के साथ कि किसी एक उत्तर से वे खुश होकर मेरी पीठ थपथपा देंगे। लेकिन वैसा हुआ नहीं।
कानूनी रूप से सही आदेश की आम स्वीकार्यता जरूरी
मेरे पिताजी के आईपीएस मित्र जिन्होंने सवाल पूछा था वे मुस्कराते हुए मेरे उत्तर धैर्य से सुनते रहे। अंत में उन्होंने कहा, "तुम्हारी शक्ति उन लोगों की स्वीकारिता से आती है जिनपर तुम अपना हुक़्म चलाना चाहते हो।" यह सीख मेरे ज़ेहन में घर कर गई। समझ गया कि कानूनी रूप से जितना भी सही आदेश हो, अगर उसकी आम स्वीकार्यता नहीं हो, तो कानूनी शक्ति कानून की किताबों में बंद रह जाती है।