PATNA: पूरे देश में जिस तरीके से कोरोना महामारी ने उत्पात मचाया था, वही हाल अब महंगाई डायन कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार जहां लोगों को राहत और सहूलियत देने की बात करती थी, वही सरकार अब जनता की जेब काटने में लगी हुई है। आमजन की गाढ़ी कमाई टैक्स औऱ बढ़ती महंगाई की भेंट चढ़ रही है। इसी के विरोध में शनिवार को पटना में ऑटो रिक्शा चालक संघ द्वारा विरोध जताया गया।
ऑटो रिक्शा चालक संघ ने पटना में सरकार को घेरा और बैनर-पोस्टर लेकर साल 2014 के पेट्रोल-डीजल की कीमतों को साल 2021 की कीमतों की तुलना की गई। पेट्रोल-डीजल के अलावा खाद्य तेल के दोहरा शतक लगाने का भी मुद्दा उछाला गया और रोजमर्रा की खाने की वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी की बात कही गई। ऑटो रिक्शा चालक संघ ने इस दौरान ‘प्रधानमंत्री मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए गए। इन दिनों कोरोनाकाल का हवाला देकर सरकार के खिलाफ किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा रहा है। इसी बात का फायदा मोदी सरकार उठा रही है। विरोध के दौरान ऑटो रिक्शा चालकों ने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा कि हमारे बच्चे अच्छी एजुकेशन नहीं ले सकते क्योंकि इस वक्त कोरोना की वजह से सड़कों पर लोग कम है। हमारी पहले जो कमाई होती थी वह अब नहीं हो पा रही है क्योंकि पेट्रोल और डीजल के दाम जिस तरह से बढ़ चुके हैं, इससे लोगों की आवाजाही पर खासा प्रभाव पड़ा है। कोरोनाकाल में पहेल ही हमारी कमर टूट चुकी है।
ऑटो रिक्शा चालकों ने कहा कि जनता जब परिवहन का उपयोग ही नहीं करेगी, तो हमारा गुजारा कैसे होगा। पहले एक दिन में हम 500 से 1000 रुपए तक कमा लेते थे। अब तो दिन का 100 रुपए कमाना भी मुश्किल हो रहा है। बच्चों को एजुकेशन को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे तो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, जिन्हें ऑनलाइन क्लास की सुविधा भी नसीब नहीं है।