Desk: बरसात के सीजन में इस बार गंडक बराज वाल्मीकि नगर से सबसे अधिक 2 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे तराई क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बन गया है. भितहा प्रखंड के शेरा टोला और जिगनही गांव के दो दर्जन घरों, एसएसबी कैम्प, चकदहवा, झंडू टोला, बिन टोली, कांटी टोला सहित कई गांव में बाढ़ का पानी कई गांव हुए जलमग्न,एसएसबी कैम्प में भी घुसा पानी घुस गया है. जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
प्रशासन ने सभी प्रभावित परिवारों को पीपी तटबंध पर सुरक्षित कर दिया है. प्रभावित परिवारों के बीच सीओ शैलेन्द्र कुमार ने पॉलीथिन का वितरण कर तंबू जैसा ढांचा तैयार कराया है. बरसात के दौरान लोग इसमें रह सकते हैं. वहीं, अमवा खास बांध के स्पर और नोज नदी में विलीन हो गए हैं. इससे ठकराहा प्रखंड के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. पश्चिमी चंपारण में घर के छत पर लोग सामान रख रहे हैं वहीं अधिकारी कैंप कर रहे हैं.
सीओ शैलेन्द्र कुमार और बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि दिन रात अधिकारी बांध पर कैम्प कर रहे हैं. सिचाई विभाग के सभी अधिकारी अलर्ट मोड में हैं. सभी कर्मियों की छुट्टी निरस्त करते हुए तटबंध पर रहने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि अभी बांध को कोई खतरा नहीं है फिर भी उससे सटे गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दे दी गई है.