गया को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी विकास की सौगात, इन योजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन

GAYA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास विभाग, लघु सिंचाई विभाग के महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन एवं शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर 13 लाख 68 हजार श्रमिकों के खाते में सरकार द्वारा निर्धारित राशि सीधे खाते में भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को घोषणा की गई थी कि इन योजनाओं को त्वरित गति से पूरा करने का कार्य किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पटना, भागलपुर में इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर का निर्माण हो रहा है. उन्होंने बताया कि सभी प्रमंडल में इस सुविधा का लाभ लोगों को मिले यह आवश्यक है. इसके माध्यम से विभिन्न सेवाओं, आपदा प्रबंधन, अग्नि सेवाओं सहित अन्य सेवाओं का लाभ हेतु सूचना के माध्यम से त्वरित गति से कार्य किए जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जलजमाव के कारण पटना में भीषण स्थिति उत्पन्न हो गई थी. राज्य सरकार ने 22 स्थानों पर ड्रेनेज पंपिंग सेट के माध्यम से पानी तेजी से निकालने की व्यवस्था की है. नगर विकास विभाग द्वारा इसकी शुरुआत कर दी गई है. उन्होंने बताया कि भागलपुर, छपरा तथा अन्य प्रमंडल के शहरों में भी विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कराए जाएंगे. नगर विकास विभाग में 280 से अधिक सहायक अभियंता तथा 455 कनीय अभियंता के नियुक्ति की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है ताकि विकास का काम तेजी से हो सके.
वहीँ मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में लोगों द्वारा जो जागरूकता आई है. यह बिहार के लिए शुभ संकेत हैं. बिहार में जो काम हो रहा है. विशेषकर पर्यावरण एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में उसे दुनिया देख रही है. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के युवा का भविष्य उज्जवल हो. यही मेरी शुभकामना हैं.
गया जिले में मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नीमचक बथानी प्रखंड परिसर के निकटवर्ती तेलासीन पहाड़ी के पानी के निस्तारण एवं संरक्षण हेतु कुल 12 अवयवों का निर्माण कार्य का उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया है.
इस अवसर पर जिला पदाधिकारी गया अभिषेक सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि नीमचक बथानी प्रखंड परिसर के निकट तेलासीन पहाड़ी के पानी को संरक्षित कर कुल 12 अवयवों का निर्माण कार्य लगभग 1 किलोमीटर की परिधि में किया गया है ताकि जल जीवन हरियाली सही मायने में चरितार्थ हो सके. उन्होंने बताया कि यह एक यूनिक प्रोजेक्ट है जिसे मनरेगा के तहत निर्माण किया गया है. वर्षा के पानी को संग्रहित करने तथा इस पानी को विभिन्न उपयोग यथा पीने के कार्य, पटवन का कार्य, पौधारोपण के कार्य, निजी तालाब में पानी पहुंचाने का कार्य, मछली पालन सहित अन्य कार्य में उपयोग किए जा रहे हैं. यह परियोजना पूरे बिहार के लिए एक उदाहरण है, जिसे गया जिले के अन्य प्रखंडों एवं पंचायतों में प्रारंभ किया जाएगा.
जिला पदाधिकारी ने बताया कि इन 12 अवयवों में मुख्य रूप से जल संचयन टंकी, पुनः उपयोग हेतु 3000 लीटर का जल भंडारण टंकी, एक लघु बांध, एक पुलिया, 450 फीट लंबा जल निकासी सरनी, रिचार्ज बोरेबल 1.2 लाख लीटर प्रति घंटा, मनरेगा भवन के छत के वर्षा जल के एकत्रीकरण, 8 यूनिट निजी वृक्षारोपण, 580 फीट लंबा पइन का निर्माण, निजी तालाब की खुदाई एवं मछली पालन, एक यूनिट बागवानी तथा दो यूनिट आवासीय परिसर में वृक्षारोपण का कार्य किया गया है.
इस परियोजना का लक्ष्य 95 एकड़ की पहाड़ी पर होने वाले वर्षा जल को व्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यम से प्रखंड के निकटवर्ती पंचायतों की लगभग 3500 आबादी को वर्ष भर जल की सुलभता एवं जल का संचईकरण सुनिश्चित होता है साथ ही 55 एकड़ बंजर भूमि को कृषि उपयोगी बनाया गया है.
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट