पटना/गया : सनातन धर्मावलंबियों के विश्व प्रसिद्ध गया में पितृपक्ष मेला को लेकर इस वर्ष सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए जा रहे हैं. बिहार के गया में आश्विन माह के पितृपक्ष में लगने वाले मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन जुटा हुआ है. बिहार पुलिस मुख्यालयक की तरफ से अतिरिक्त बालों की तैनाती के लिए आदेश जारी कर दिया गया है. बीएमपी और एसटीएफ के जवानों की भी विशेष तैनाती की गई है. एडीजी लॉ एंड आर्डर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक एक हज़ार से अधिक लाठीबल,3 कम्पनी सशस्त्र बल ,3 कम्पनी लाठी बल ,400 होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है.
इस वर्ष 13 सितंबर से शुरू होने वाले पितृपक्ष मेला 28 सितम्बर तक आयोजित होगा. हिन्द धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष को ‘पितृपक्ष’ या ‘महालय पक्ष’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने पुरखों का पिंडदान करते हैं. मान्यता है कि पिंडदान करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. ऐसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थान हैं, परंतु सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है.
इस वर्ष पितृपक्ष के दौरान गया में लाखों लोगों के जुटने की संभावना है. पिंडदान के लिए गया को सर्वोतम माना गया है। मान्यता है कि पिंडदान के लिए मोक्षदायिनी भूमि में 45 वेदियां विद्यमान हैं, जहां पिंडदान किया जाता है.
फल्गु नदी के तट पर बसे गया में विष्णुपद मंदिर के अलावे अन्य पिंड स्थलों में रामशिला, प्रेतशीला, मंगला गौरी, सूर्यकुंड, गोप्रचारिणी, ब्रह्मसरोवर, फल्गु घाट, गयासुर वेदी, सीताकुंड, रामकुंड, देवघाट, कागबलि प्रमुख स्थल हैं.
पटना से कुंदन की रिपोर्ट