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इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन के लिए जीसीबी के चेयरमैन पहुंचे पटना, जदयू नेता छोटू सिंह सहित कई श्रद्धालुओं ने किया स्वागत

इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन के लिए जीसीबी के चेयरमैन पहुंचे पटना, जदयू नेता छोटू सिंह सहित कई श्रद्धालुओं ने किया स्वागत

PATNA : बिहार का सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर पटना में बनकर तैयार हो चुका है। कल इस मंदिर का विधिवत उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा किया जायेगा। जिसके लिए पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम मे हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। आज इस्कॉन जीसीबी के चेयरमैन भानु स्वामी महाराज, इस्कॉन बिहार के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास जी, इस्कॉन बिहार के सचिव लोक प्रकाश सिंह, जदयू नेता छोटू सिंह और इस्कॉन के आजीवन सदस्य राय गिरिराज कृष्ण कार्यक्रम में शामिल हुए। 

इस मौके पर जदयू नेता छोटू सिंह ने कहा की एक तरफ जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। वहीँ इस मंदिर के उद्घाटन के बाद बिहार में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। छोटू सिंह ने बताया की 100 करोड़ रूपये की लागत से मंदिर बनकर तैयार हुआ है। जिसे देखने और पूजा अर्चना के दूर दूर से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में गया, राजगीर और वैशाली सहित कई जिलों में पुरातात्विक और धार्मिक स्थानों का विकास किया गया है। जहाँ हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बिहार में जहाँ बौद्ध, जैन, रामायण सर्किट का विकास किया जा रहा है। वहीँ पटना में बने बुद्ध स्मृति पार्क में लोगों की भारी भीड़ जुटती है। उन्होंने कहा की बिहार के समृद्ध इतिहास को समेटने का भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पहल किया गया है। इसी कड़ी में आज से पटना म्यूजियम में खुदाई का कार्य शुरू किया गया है। छोटू सिंह ने कहा की बिहार के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन के बाद राज्य सरकार के पर्यटन के विकास के बल मिलेगा। 


गौरतलब है की पटना में श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर तैयार करने में लगभग 12 वर्ष का समय लग गया है। इस मंदिर में 84 कमरे और 84 पिलर बनाए गए हैं।   पटना में इस्कॉन मंदिर का साल 2007 में मंदिर का भूमिपूजन किया गया था। जबकि मंदिर निर्माण का काम 2010 में शुरू किया गया था। भक्तों की मांग पर मंदिर का निर्माण शहर के बीचो बीच बुद्धमार्ग पर किया गया है। मंदिर में प्रसाद तैयार करने के लिए मॉडर्न किचन बनाया गया है। यहां अत्याधुनिक उपकरणों के साथ बांके बिहारी की लीलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने के लिए एक हॉल बनाया गया है। हॉल में लगभग एक हजार श्रद्धालुओं के बैठकर प्रसाद ग्रहण करने की व्यवस्था हैं। मंदिर परिसर में गोविंदा रेस्टोरेंट भी बनाया गया है। यहां लोगों को शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा। मंदिर में अतिथियों के ठहरने के लिए करीब 70 रूम बनाए गए हैं। मंदिर में 300 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है। सुरक्षा के लिए 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। दूसरे तल पर बांके बिहारी का गर्भ गृह है। यहां एक तरफ राम दरबार तो दूसरी तरफ चैतन्य महाप्रभु का दरबार बनाया गया है। 

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