DESK : बिहार में एक साल पहले शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एयरपोर्ट हर माह नए रिकार्ड स्थापित कर रहा है। लेकिन इस एयरपोर्ट को लेकर ऐसी बात सामने आई है, जो सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है। यहां एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा हर दिन बड़ी मात्रा में घी, अचार सहित दूसरे खाने के सामान बगल से गुजरनेवाली कमला नदी में प्रवाहित की जाती है।
अगर यह समझ रहे हैं कि यह किसी अंधविश्वास के कारण किया जाता है, तो यह बिल्कुल गलत है। दरअसल, दरभंगा एयरपोर्ट पर पिछले एक साल में फ्लाइट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जहां पहले छह फ्लाइट थे, वहीं अब हर दिन 18 फ्लाइट यहां से उड़ान भर रही है। लेकिन जिस अनुपात में यहां यात्रियों और फ्लाइट की संख्या बढ़ी है, उसकी तुलना में यहां सुविधाओं का विस्तार बेहद धीमी गति से हो रहा है। इनमें एक समस्या यात्रियों की लगेज स्टोरेज की भी है।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु सहित देश के अन्य महानगरों के लिए यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री कई सामान चेक इन बैगेज में रखने के बजाय केबिन लगेज में कैरी करते हैं। इनमें कई ऐसे तरल पदार्थ होते हैं, जिसे हवाई यात्रा के दौरान निर्धारित मात्रा में ही ले जाया जा सकता है। मसलन करीब सौ एमएल ही यात्री इसे हैंड बैग के साथ कैरी कर सकते हैं। कई सामान ऐसा होता है, जिसे नहीं ले जाया जा सकता है। सुरक्षा जांच के दौरान सुरक्षाकर्मी ऐसे सामान को निकाल देते हैं। इनमें देसी घी, तेल व अचार जैसी वस्तुएं होती हैं। ऐसे सामानों को रखने के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए इसे एयरपोर्ट परिसर स्थित एक कक्ष में रखा जाता है।
नदी में कर देते हैं प्रवाहित
यात्रियों के निकाले गए सामान को कुछ समय रखने के बाद उसे एयरपोर्ट के पास में स्थित कमला नदी में फेंक दिया जाता है। पिछले करीब एक साल में औसतन प्रतिदिन दो से तीन सौ ग्राम घी व आधा किलोग्राम के करीब अचार सुरक्षाकर्मी जब्त करते हैं।
मामले में एयरपोर्ट डायरेक्टर मनीष कुमार का कहना है कि यात्रियों को यह पता नहीं होता कि तरल पदार्थ को वे हैंड बैग में कैरी नहीं कर सकते। ऐसे पदार्थों को ठीक से पैकिंग करने के बाद ही लगेज बैग में कैरी किया जा सकता है, ताकि रिसाव न हो। भंडारण नहीं होने के कारण बैग से निकाले गए ऐसे सामान को फेंकने की विवशता होती है।