GAYA : बोधगया के बालिका गृह मे आए दिन कोई न कोई घटना होते रहती है। कभी किसी बच्ची का पैर फ्रैक्चर कर जाता है। तो कभी कोई लड़की फांसी लगाने पर मजबूर हो जाती है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया है। जहाँ रूट इंस्च्यूट्स स्थित बालिका गृह में एक लड़की ने फांसी लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की है। इसके बाद बालिका गृह की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गया है। हालांकि लड़की अभी सुरक्षित है और उसे बोधगया सीएचसी में इलाज कराया गया। जहां वह इलाजरत है।
इस घटना के बाद बालिका गृह में हड़कंप मच गया है। घायल लड़की की पहचान मंझियावां परैया बताई गई है। बोधगया स्थित बालिका गृह में वह तीन साल से रह रही है। जहां आज अचानक गले में दुपट्टा का फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। सूत्रों के अनुसार कर्मियों की कथित प्रताड़ना से तंग आकर मंगलवार को खुदकशी करने का प्रयास किया। बालिका गृह के आसपास के लोगों ने कहा कि यहां कुछ ठीक नहीं चल रहा। आये दिन हो हल्ला की आवाजें आते रहती है। लेकिन यहां हाई सेक्रेसी मेंटेन किया जाता है। जिससे आसपास रहने वाले लोगों को कुछ नहीं बताया जाता। ताकि समय रहते उनकी मदद की जाय।
लोगों ने कहा की वार्डेन की लापरवाही और अनदेखी की वजह से इस तरह की घटना हुई है। आस पास के लोगो ने बताया कि सोमवार की रात में ही बालिका गृह में हल्ला हो रहा था। इसके बाद मंगलवार की दोपहर सुनने में आया कि एक किशोरी ने अपने ही दुपट्टे से फंदा लगाकर खुदकुशी करने कि कोशिश की। हालांकि लड़की बच रही है। वहीं बालिका गृह की महिलाओं ने पुलिस को बताया है कि दो किशोरी के बीच आपस में झगड़ा हुआ था। जिसमें दोनों ओर से मारपीट हुई थी। मारपीट में दोनों किशोरी चोटिल हुई है। इसके बाद गुस्से में आकर एक लड़की ने फांसी लगाकर आत्म हत्या का प्रयास किया। आनन फानन में उसे सीएचसी बोधगया लाया गया और समय रहते उसे बचा लिया गया।
इस मामले में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि ऐसी घटना कि सूचना मिली है। लेकिन बालिका गृह के कर्मियो के द्वारा हमे कोई जानकारी नहीं दिया गया। सीएचसी के डाक्टरों के अनुसार फांसी लगाने वाली लड़की पूरी तरह स्वस्थ है। बालिका गृह मे घटना के बाद बालिका गृह के कर्मियो ने डायल 112 को सूचित किया था, जहाँ 112 कि पुलिस पहुंचकर उसे इलाज करवाने के लिए ले गयी। डायल 112 के अधिकारी ने बताया की झगड़ा करने वाले एक लड़की से मैंने बातचीत किया। जिसमे लड़की ने बताया की वह वेवजह फांसी लगाई थी। झगड़ा तो हम से हो रहा था। उसी लड़की ने डायल 112 की पुलिस अधिकारी को बताया कि हमे 25 लड़कियां मिलकर एक साथ मारपीट कर रही थी। मेरी तीन हिस्सा प्राण निकल ही गया था। इसके बाद हमे पैरासिटामोल टैबलेट खिलाया गया। तब मै अभी ठीक हूं।
गया से संतोष कुमार की रिपोर्ट