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ऑर्केस्ट्रा के नाम पर नहीं होता लड़कियों का यौन शोषण, यह सिर्फ मनोरंजन का साधन, सामने आई 20 जिलों की रिपोर्ट

ऑर्केस्ट्रा के नाम पर नहीं होता लड़कियों का यौन शोषण, यह सिर्फ मनोरंजन का साधन, सामने आई 20 जिलों की रिपोर्ट

PATNA : बिहार में ऑक्रेष्ट्रा में काम करनेवाली लड़कियों के साथ किसी प्रकार का यौन शोषण नहीं होता है, यह सिर्फ मनोरंजन का जरिया है। यह रिपोर्ट है बिहार के 20 जिलों की, जहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने समाज कल्याण विभाग को यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उनके जिले में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है,जिसमें ऑक्रेष्ट्रा में काम करनेवाली लड़कियों के साथ किसी प्रकार के यौन शोषण की शिकायत हुई हो।

दरअसल, समाज कल्याण विभाग के पास लगातार इस बात की शिकायतें सामने आती हैं कि ऑक्रेष्ट्रा में काम करनेवाली युवतियों के साथ यौन शोषण किया जाता है। जिसके बाद विभाग के मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम-एसपी को दिशा- निर्देश भेजा था. विभाग की ओर से मांगी गयी रिपोर्ट पर 20 जिलों ने अपनी रिपोर्ट विभाग को भेज दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में यह पुष्ट हुआ है कि हमारे जिले में ऐसी कोई ऑर्केस्ट्रा नहीं है, जिसमें लड़कियों से देह व्यापार से जोड़ा जाता है और शोषण की बात भी नहीं आयी है।  इन 20 जिलों के डीएम-एसपी ने दावा किया है कि उनके जिले में ऑर्केस्ट्रा एक मनोरंजन का माध्यम है।

तेजी से बढ़ा है प्रचलन

गौरतलब है बिहार मे शादी विवाह जैसे खुशी के समारोह में ऑक्रेष्ट्रा के आयोजन का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही इनमें काम करने के लिए लड़कियों को बुलाया जाता है, जो कार्यक्रम में डांस का काम करती है। इन लड़कियों को लेकर कई बार यह बात सामने आती है कि काम कराने के बहाने दूसरे राज्यों से उन्हें बुलाया जाता है और बाद में उनका यौन शोषण किया जाता है। कुछ दिन पहले ही बिहार के एक जिले में बंगाल से आई नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म की शिकायत की थी। जिसमें उसने बताया था कि एक कार्यक्रम के दौरान युवक ने जबरन दुष्कर्म किया। बाद में पुलिस भी पूरी रात उसे अस्पताल और थाने के चक्कर लगवाती रही।

इसलिए नहीं कर पाते कार्रवाई

ऑर्केस्टा में काम करने वाली नाबालिग लड़कियों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक तकनीकी पहलू यह है कि इन इंटरटेनमेंट एक्ट के मुताबिक बच्चों को काम करने में परेशानी नहीं है. टीवी पर बच्चे हजारों विज्ञापन में काम करते नजर आते हैं, इसलिए यहां भी श्रम विभाग को इन सभी पर कार्रवाई करने में परेशानी होती है.

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