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GHMC चुनाव प्रचार में जेपी नड्डा बोले थे, हैदराबाद के नेता बोल रहे हैं कि गली-मोहल्लों के चुनाव प्रचार में आया हूं..... अब परिणाम आया सामने

GHMC चुनाव प्रचार में जेपी नड्डा बोले थे, हैदराबाद के नेता बोल रहे हैं कि गली-मोहल्लों  के चुनाव प्रचार में आया हूं..... अब परिणाम आया सामने

डेस्क...  ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बंपर जीत मिली है। 2016 में 4 सीट जीतने वाली बीजेपी ने इस बार के चुनाव में 48 सीटों पर परचम फहराया।  150 सीटों पर हो रहे चुनाव में शुक्रवार को सुबह से ही रूझान बीजेपी के पक्ष मे आ रहा था, लेकिन पहले से निगम पर काबिज टीआरएस ने फिर से बाजी मार ली। भाजपा को कोसने वाले एआईएमआईएम के अध्यक्ष असीदुद्दीन औवेसी भी अपने प्रदर्शन से खुश हैं, लेकिन वो इस बार तीसरे स्थान पर रहे। सुबह से ही हैदराबाद के राजनीतिक गलियारों में नजर इस बात पर थी कि क्या औवेसी अपना किला बचा पाएंगे या बीजेपी सेंध लगाएगी। बता दें कि जीएचएमसी की 150 सीटों पर 1122 प्रत्याशी मैदान में थे। बीजेपी ने इस चुनाव के प्रचार में अपने टॉप नेताओं को झोंक दिया था, इसलिए काफी इस बार का मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा था।

गौरतलब है कि 1 दिसंबर को हुए ग्रेटर हैदराबाद निकाय चुनाव में इस बार काफी कुछ देखने को मिला। सबसे बड़ी बात यह रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जीत से लबरेज भाजपा ने इस चुनाव में भी पूरी ताकत झोंक दी। एक वाक्या का यहां जिक्र करना बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह बयान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से आया था। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वो जब चुनाव प्रचार के लिए हैदराबाद आए तो उन पर कुछ नेताओं ने तंज कसा और कहा कि अब गली-मोहल्लों के प्रचार के लिए राष्ट्रीय नेता भी आने लगे हैं तो मैं अब ये बोल रहा हूं कि हमारे लिए हर चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जनता और देश दोनों का भविष्य तय होता है। ये आपके लिए गली-मोहल्ला होगा, लेकिन हैदराबाद गली-मोहल्ला नहीं है। यहां का हर चुनाव महत्वपूर्ण है और अपनी पार्टी की जीत के लिए कहीं भी और किसी समय कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा रहूंगा। 

जेपी नड्डा की ओर से दिया गया ये बयान आज मतगणना के दिन काफी हद तक सही साबित हुआ है। भाजपा ने हैदराबाद में एक ऐसे अभेद किले को भेदने में सफल हुई है जहां पहले से टीआरएस और एआईएमआईएम का पहले से बर्चस्व कायम है। भाजपा ने निकाय चुनाव में परचम लहरा कर ये साबित कर दिया है कि उनके लिए पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा के चुनाव तक महत्वपूर्ण है। 

यहां एक बात और भी गौर करने लायक है कि अगर निकाय चुनाव में भाजपा की जीत को हैदराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक की तरह देखा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योकि बिहार चुनाव में जिस प्रकार असीदुद्दीन औवेसी ने सीमांचल के इलाकों में हुंकार भरी और पांच सीट जीत कर राजनीतिक समीकरण को बदला ठीक उसी प्रकार भाजपा भी औवेसी के गढ़ में घुसकर निकाय चुनाव पर परचम लहराकर ये साबित कर दिया कि तुम डाल-डाल तो हम पात-पात। 

शुक्रवार को मतगणतना में सुबह से ही शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त मिल रही थी, लेकिन आधे दिन के बाद टीआरएस ने फिर बढ़त बना ली जो अंत तक बरकरार रही। हालाकि 48 सीट प्राप्त करने के बाद बीजेपी  पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। चुनाव प्रचार के लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को छोड़ अपनी पूरी फौज उतार दी। चुनाव प्रचार के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद पहुंचे। इसके अलावा भाजपी ने स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडणवीस सरीखे नेताओं को भी चुनाव प्रचार में उतारा। बीजेपी की तरफ से दिग्गजों के प्रचार में उतरने से चुनाव हाईप्रोफाइल हो गया।  

हैदराबाद नगर निगम की कुल 150 निकाय सीटों के लिए 1 दिसंबर को मतदान हुए और आज यानी चार दिसंबर को नतीजे आएंगे। पिछले चुनाव में भाजपा को सिर्फ चार और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 44 सीटें मिलीं थीं। बीजेपी ने बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव को हैदराबाद निकाय चुनाव का प्रभारी बनाकर भेजा था। भाजपा यहां अपना जनाधार बढ़ाने के लिए एआईएमआईएम को उसके घर में घेरना चाहती है।  

पटना डेस्क से मदन कुमार की रिपोर्ट

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