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बाहुबली के सहारे यूपी जीतेंगे सुशासन बाबू, लखनऊ में बीच चौराहे पर 22 गोली मारने के आरोपी धनंजय सिंह से जदयू को बड़ी उम्मीद

बाहुबली के सहारे यूपी जीतेंगे सुशासन बाबू, लखनऊ में बीच चौराहे पर 22 गोली मारने के आरोपी धनंजय सिंह से जदयू को बड़ी उम्मीद

पटना. 4 जनवरी 2021 को सर्दी ऐसी थी कि शरीर ठिठुरकर बर्फ हुआ जा रहा है. लेकिन, कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड भरे उस मौसम में लखनऊ में अचानक से कोहराम मच गया. लखनऊ के कठौता चौराहे के पास अजीत सिंह नामक व्यक्ति को 22 गोलियां मारी गई. खून से लथपथ अजीत ने वहीं दम तोड़ दिया लेकिन खून के छींटों ने माफिया धनंजय सिंह के दामन को दागदार करा दिया. अजीत सिंह मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि थे. इस हत्या का आरोप लगा एक लाख के इनामी गिरधारी उर्फ डॉक्टर पर जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया. हालांकि बाहुबली धनंजय सिंह को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही. अगस्त 2021 में अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. बावजूद इसके धनंजय की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. 

अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को गोली मारकर हमेशा के लिए सुला देने की यह तो एक बानगी मात्र है. ऐसा नहीं है कि अजीत सिंह कोई पहला आदमी हो जिसे 22 गोली मारी गई हो और हत्या का आरोप धनंजय सिंह पर लगा है. इसके पहले भी धनंजय सिंह पर इस प्रकार के कई आरोप लग चुके हैं. हत्या, गैंगवार जैसे शब्द मानो धनंजय सिंह के लिए पर्याय के रूप में उत्तर प्रदेश में इस्तेमाल होता हो. 

यही धनंजय सिंह इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की सबसे बड़ी उम्मीद हैं. दरअसल यूपी विधानसभा चुनाव में जदयू अपने बलबूते चुनाव लड़ रही है. इस चुनाव में जदयू को जिन कुछ सीटों पर चुनाव जीतने की उम्मीद है उसमें जौनपुर जिले का मल्हनी विधान सभा क्षेत्र सबसे प्रमुख है. यहाँ से जदयू ने बाहुबली धनंजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है. चूकी सीएम नीतीश कुमार हमेशा बिहार में सुशासन का दावा करते हैं. ऐसे में बिहार से अलग यूपी में एक माफिया डॉन को जदयू का उम्मीदवार बनाना सीएम नीतीश और जदयू के सिद्धांतों से अलग दिखता है. 

धंनजय सिंह ने अपने बाहुबल की कहानी खुद ही बताई भी है. 2017 में धनंजय सिंह ने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उसके खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज हैं. 2021 खत्म होते-होते इस पर 2 और मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें हत्या का केस भी शामिल है. गैंगस्टर एक्ट के तहत भी धनंजय सिंह पर एफआईआर दर्ज है. यहाँ तक कि धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम भी है. 

शनिवार को धनंजय सिंह ने घोषणा की कि उन्हें वीआईपी प्रमुख और नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी भी समर्थन दे रहे हैं. मल्हनी विधान सभा में सातवें और अंतिम चरण में चुनाव होना है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की जुगत में लगी जदयू की जिन कुछ सीटों पर जीत की सबसे ज्यादा उम्मीद है उसमें बाहुबली धनंजय सिंह की सीट मल्हनी सबसे प्रमुख है. ऐसे में देखना होगा कि सुशासन बाबु के सपनों को धनंजय सिंह कहाँ तक साकार करते हैं. मल्हनी विधानसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री स्व. उमानाथ सिंह के बेटे और पूर्व सांसद डॉ कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ़ केपी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से विधायक लकी यादव उम्मदीवार हैं. लेकिन यहां धनंजय सिंह को जदयू से उम्मीदवार बनाये जाने के कारण अब मुकाबले काफी रोचक हो गया है.


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