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सुशासन बना धृतराष्ट्र : PATNA DTO में कांट्रेक्ट की नौकरी, 24 हजार मानदेय, लेकिन है दो-दो बड़े कंपनियों का मालिक, करोड़ों में है टर्न ओवर

सुशासन बना धृतराष्ट्र : PATNA DTO में कांट्रेक्ट की नौकरी, 24 हजार मानदेय, लेकिन है दो-दो बड़े कंपनियों का मालिक, करोड़ों में है टर्न ओवर

PATNA : एक कांट्रेक्ट की नौकरी, जिसमें हर माह 24 हजार रुपए मानदेय निर्धारित है। काम डाटा इंट्री ऑपरेटर का। क्या ऐसे कर्मचारी के लिए उम्मीद की जा सकती है कि वह करोड़ों की संपत्ति का मालिक हो सकता है। शायद नहीं। लेकिन अगर पटना के डीटीओ ऑफिस में काम करते हैं तो यह संभव है। बताया जाता है कि पटना डीटीओ कार्यालय सरकारी कर्मियों के पास जितनी प्रापर्टी नहीं है, उससे ज्यादा संपत्ति के मालिक यहां के डाटा इंट्री ऑपरेटर हैं। 

न्यूज4नेशन पटना डीटीओ ऑफिस में चल रहे गोरखधंधे को लगातार नई खबर सामने लाता रहा है। जिसमें शुक्रवार को हमने बताया था कि कैसे यहां गाड़ियों के नंबर बांटने में सरकारी राजस्व को तीन अरब रुपए का नुकसान पहुंचाया गया। अब इस कड़ी में हम यहां बताते हैं पटना डीटीओ में काम करनेवाले एक डाटा इंट्री ऑपरेटर के बारे में, जिसकी नियुक्ति 2008 में अनुबंध के आधार पर हुई थी। हर महीने उन्हें 24 हजार रुपए मानदेय मिलता है। लेकिन आज के समय में उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। दो कंपनियों का मालिक है। डीटीओ सरकारी   गाड़ी में चलते हैं,लेकिन यह डाटा इंट्री ऑपरेटर लक्जरी गाड़ी में सफर करता है।



यहां हम जिस डाटा इंट्री ऑपरेटर की बात कर रहे हैं, उनका नाम संजय प्रसाद है। जो कि लंबे समय पटना के डीटीओ ऑफिस में काम कर रहे हैं। सरकार से सिर्फ 24 हजार रुपए मानदेय प्राप्त करनेवाले संजय प्रसाद वर्तमान में दो कंपनियां चलाते हैं। वह इन दोनों कंपनियों के डायरेक्टर भी हैं।  सरकारी रिकार्ड में इन दोनों कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी है। जिसे कोई भी देख सकता है। सरकारी रिकार्ड में जिन दो कंपनियों उनमें एक  कंपनी का नाम अमूल फीड्स प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी कंपनी का नाम पाटलीपुत्र पॉल्ट्री प्राइवेट लिमिटेड है। 


2020 के बैलेंस शीट में पाटलीपुत्र पॉल्ट्री के पास 07 करोड़ की प्रापर्टी

सबसे पहले बात संजय प्रसाद की कंपनी पाटलीपुत्र पॉल्ट्री फीड्स की करें तो यह कंपनी 2016 में शुरू की गई। पता के रूप में ट्रासपोर्ट नगर, कुम्हरार, बहादुरपुर, पटना लिखवाया गया है। कंपनी का CIN  नंबर U74999BR2016PTC032351 है। वहीं कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर 032351 है। जहां संजय प्रसाद कंपनी के डायरेक्टर हैं। वहीं दूसरी तरफ इस कंपनी के मैनेटमेंट में अशोक कुमार सिंह, आनंद कुमार और मनोज कुमार को शामिल किया गया। 2020 में कंपनी ने जो अपना बैलेंसशीट जारी किया गया था, उसके अनुसार कंपनी के पास सात करोड़ से अधिक का प्रापर्टी थी। जिसमें PAID UP CAPITAL के रूप में 3.21 करोड़ और AOTHORISED CAPITAL के रूप में चार करोड़ होने के बारे में जानकारी दी गई।

15 करोड़ से ज्यादा की है दूसरी कंपनी

बात अगर संजय प्रसाद की दूसरी कंपनी अमूल फिड्स की करें तो दो साल पहले तक इसकी संपत्ति 15 करोड़ से अधिक बताई गई है। इस कंपनी का  CIN  नंबर U92200BR1997PTC008141 है। वहीं कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर 008141 है। इस कंपनी को 1997 में शुरू किया गया। 2013 में इस कंपनी से संजय प्रसाद की पत्नी आशा देवी के साथ अशोक कुमार सिंह, रंजू सिंह, वीणा देवी, आनंद कुमार भी शामिल किए गए। इनमें अशोक कुमार सिंह और आनंद कुमार सिंह दोनों कंपनियों से जुड़े रहे। दो साल पहले 2020 में जब इस कंपनी का बैलेंस शीट जारी किया गया तो उसमें AOTHORISED CAPITAL आठ करोड़ और PAID UP CAPITAL 7.8 करोड़ से अधिक बताया गया। 

नाजायज कर्मी के रूप में की थी डीटीओ में इंट्री

संजय प्रसाद के बारे में बताया जाता है कि वह 1990 से ही पटना डीटीओ में जमे हुए हैं। शुरूआत में वह लोगों का काम कराने के लिए पैसे वसूलते थे। फिर धीरे धीरे यहां के कर्मियों से पहचान बनाकर डीटीओ में काम नाजायज कर्मी के रूप में काम करने लगे। नाजायज कर्मी से तात्पर्य यह है कि यहां के बाबू खुद गायब रहते हैं और संजय प्रसाद उनकी कुर्सी पर बैठते रहे। जिसके लिए उन्हें पैसे मिलते थे। आज 32 साल का समय गुजर चुका है. लेकिन पटना डीटीओ में संजय प्रसाद के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई करने की हिम्मत यहां के किसी अधिकारी में नहीं है। बताया गया पटना डीटीओ ऑफिस में नाजायज कर्मियों से काम लेने की परंपरा आज भी कायम है।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि एक डीटीओ ऑफिस में डाटा इंट्री ऑपरेटर की इनकम इतनी कैसे हो सकती है कि वह दो कंपनियों को शुरू कर ले और कुछ साल में उसकी प्रॉपर्टी करोड़ों रुपए हो जाए।  बताया गया पटना डीटीओ में ऐसे संजय प्रसाद इकलौते नहीं हैं। यहां कई ऐसे चेहरे हैं जो मामूली काम करते हैं,लेकिन उनकी कमाई उससे कई गुणा अधिक है। 




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