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CM नीतीश के दरबार में 'सुशासन' हुआ तार-तार! 1542 रू के लिए मुख्यमंत्री दरबार में लगानी पड़ी फरियाद, यह कहकर रोने लगे बुजुर्ग

CM नीतीश के दरबार में 'सुशासन' हुआ तार-तार! 1542 रू के लिए मुख्यमंत्री दरबार में लगानी पड़ी फरियाद, यह कहकर रोने लगे बुजुर्ग

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश का जनता दरबार चल रहा है। सीएम नीतीश लगातार दूसरे सोमवार को जनता के दरबार में हाजिर होकर लोगों की शिकायत सुन रहे हैं। सीएम नीतीश के सामने एक बुजुर्ग शख्स ने कहा कि आप यह दरबार शुरू नहीं करते तो 1542 रू का सेटेलमेंट नहीं होता। बिहार में 1542 रू के लिए मुख्यमंत्री के दरबार में आवेदन देना पड़ता है। तब जाकर अधिकारी नींद से जागते हैं। यह कहकर बुजुर्ग मुख्यमंत्री के सामने रोने लगे। 

1542 रू के लिए सीएम ने लगानी पड़ी गुहार

मुख्यमंत्री के दरबार में फरियाद लगाते हुए एक बुजुर्ग रोने लगे। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग ने दौड़ा-दौड़ा कर परेशान कर दिया। हमने हर जगह सेटलमेंट के लिए आवेदन दिया। जब हम मुख्यमंत्री दरबार में शिकायत की तो आननःफानन में सेटलमेंट हो गया और 1542 रू का चेक दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि सर कुछ कीजिए। एक छोटी सी समस्या के समाधान के लिए बिजली कंपनी के एमडी तक शिकायत की। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। हम तो परेशान हुए लेकिन आगे कोई इस तरह से परेशानी में न पड़े इसे सुनिश्चित करिये। इस पर मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के सचिव को फोन कर कहा कि इस मामले को देखिए। जिसने भी देरी की है उस पर कार्रवाई करिए।  

शंभुगंज सीओ पर भ्रष्टाचार का आरोप 

बांका के शंभुगंज के अँचलाधिकारी पर घोटाले का आरोप लगा है। सीएम नीतीश के जनता दरबार में एक शख्स ने शिकायत की है कि कोरोना काल में फर्जी बिल लगाकर लाखो रू की निकासी कर ली गई। जिस दुकान का बिल लगाया गया वो है ही नहीं। कोरोना में शंभुगंज सीओ ने सरकारी राशि की लूट मचाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को फोन कर पूरे मामले को देखने का निर्देश दिया। 

शिकायककर्ता से सीएम नीतीश ने कहा- हम खुद आयेंगे

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में नालंदा के गिरियक से आये एक शख्स ने शिकायत की है कि बाजार के नाली का पानी निजी जमीन में गिरता है। जबकि सरकारी पईन का अतिक्रमण किया गया है। इस पर सीएम नीतीश ने आश्चर्य जताया और कहा कि हम तो उधर जाते रहते हैं कहां कोई शिकायत किया है . उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है। तुरंत अधिकारियों से कहा कि इस मामले तो देखिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना खत्म होगा तब हम वहां आयेंगे और देखेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसे नोट कर लीजिए। 

मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त को किया फोन

इस पर सीएम नीतीश ने आश्चर्य जताया और कहा कि 2-2 एमएलसी फंड लगा फिर भी सड़क नहीं बनी। मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त को फोन लगाकर कहा कि इस मामले को देखिए। सीएम नीतीश ने कहा कि आरोप है कि 2 विधानपार्षदों का फंड दिया गया फिर भी सड़क नहीं बनी। इस मामले को योजना एवं विकास और पंचायती राज विभाग के साथ समीक्षा करिए। 

सीएम नीतीश ने जांच के दिये आदेश 

ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को फोन लगाकर सीएम नीतीश ने कहा कि हमने तो पहले ही कह दिया है कि सबी गांवों को सड़क से जोड़ना है। पहले भी कई ऐसी शिकायत आई तो हमने इस पर कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद भी इस तरह की शिकायत मिल रही है। सीएम नीतीश ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराईए। यह तो कमाल की बात है। 

शिकायतकर्ताओं ने खोली पोल

मुजफ्फफर के कटरा और पश्चिम चंपारण के चनपटिया से आये शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-जल योजना में भारी गड़बड़ी है। शिकायत करने पर मुखिया द्वारा धमकी दी जाती है। दिखावे के लिए टंकी लगा दिया दिया गया लेकिन पानी नहीं आ रहा। वहीं पाइप भी बहुत घटिया लगाया गया है। 

 खगड़िया के परबत्ता से आये एक शख्स ने शिकायत की है इंदिरा आवास योजना का लाभ जानबूझ कर नहीं दिया जा रहा। किसी ने साजिश कर मेरे यहां लैंडलाइन नंबर के बारे में शिकायत कर दी। इस आधार पर उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है। जबकि इस तरह की कोई बात नहीं वे बहुत ही गरीब हैं और झोपड़ी में रहते हैं। इस पर सीएम नीतीश ने गहरी आपत्ति जताई।

सीएम नीतीश ने सचिव को लगाया फोन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी को फोन लगाया। उन्होंने कहा कि पूरे मामेल को देखिए और जांच कराइए कि किसने इनके नाम पर टेलिफोन का लैंडलाईन नंबर जुड़वा दिया। जिस आधार पर इनका आवेदन खारिज किया गया है।  

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