PATNA : राष्ट्रीय खुला विद्यालयी संस्थान ( एनआईओएस) से खुला दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) मोड से डीप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड्) के डिग्रीधारियों के बड़ी खुशखबरी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने डिग्री को मंजूरी दे दी है।
एइसीटीई से मान्यता मिलने के बाद इससे जिले के हजारों डिग्रीधारियों को लाभ मिलेगा। अब इन डिग्रीधारकों को शिक्षकों की बहाली में शामिल होने का मौका मिलेगा। हालांकि डीएलएलएड् की डिग्री के साथ साथ टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।
टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को धन्यवाद दिया है।
उन्होंने बताया कि एन आई ओ एस से ओडीएल मोड से हाल ही में लाखों अप्रशिक्षित शिक्षकों ने डीएलएड की डिग्री हासिल किया था। परन्तु बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली में उपर्युक्त डिग्री धारकों को शामिल होने पर रोक लगा दी थी।
अध्यक्ष ने कहा कि बिहार सरकार का यह मानना था कि चूंकि डीएलएड् शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्री द्विवर्षीय होता है और यह कोर्ष निजी एवं सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए ही विशेष परिस्थिति में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत इकतीस मार्च दो हजार उन्नीस तक मात्र अट्ठारह महीनों में पूरा कर लिया गया था।
बिहार सरकार के निर्णय के खिलाफ प्रशिक्षुओं ने उच्च न्यायालय की शरण ली जहां फैसला शिक्षकों के पक्ष में आया। बिहार सरकार ने पुनः अपील में जाने की बात कही थी और एनसीटीई से भी मार्गदर्शन मांगा। समयावधि बीत जाने के बाद भी सरकार अपील में नहीं गई ।
इसी बीच केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले को सही ठहराया और डीएलइडी की डिग्री को मंजूरी दे दी। इस बाबत एनसीटीई के उप सचिव ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन को चिट्ठी लिखकर पटना हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने का निर्देश भी दिया है।