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दो दिनों की बारिश से हुए फसल नुकसान की सरकार ने मांगी पूरी रिपोर्ट, कृषि मंत्री ने कहा - किसानों को मिलेगा मुआवजा

दो दिनों की बारिश से हुए फसल नुकसान की सरकार ने मांगी पूरी रिपोर्ट, कृषि मंत्री ने कहा - किसानों को मिलेगा मुआवजा

PATNA : पिछले 2 दिनों से राज्य में हुई बारिश और कई जगहों पर गिरने से हुई फसल क्षति के बाद कृषि विभाग एक्शन में आ गया है। बिहार के कृषि मंत्री के निर्देश पर सभी जिलों से बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं पिछले साल खरीफ मौसम के दौरान बाढ़ और अतिवृष्टि से फसल क्षति के लिए किसानों को मुआवजा राशि भेजी जा रही है। 

आईसीएआर के निदेशक डा. उज्ज्वल कुमार के अनुसार पिछले दो दिनों की बारिश से फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। गेहूं और मक्का को नुकसान अधिक नहीं होगा, लेकिन तेज हवा के कारण इसमें कुछ क्षति हो सकती है। हालांकि धूप निकलने के बाद इसमें कुछ सुधार की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दलहन, तिलहन, आलू,प्याज के फसल में 25-35 फीसदी का नुकसान हुआ है।

पिछले साल नुकसान झेल चुके 12.15 लाख किसानों को खाते में भेजे जा रहे पैसे

कृषि विभाग की मानें तो अभी पिछले साल बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण नुकसान झेल चुके किसानों को मुआवजा राशि भेजी जा रही है। बताया कि पिछले साल बाढ़ और बारिश से नुकसान की भरपाई के लिए 30 जिलों के 22 लाख किसानों ने कृषि विभाग को आवेदन दिया था जिसमें विभिन्न स्तरों पर जांच के बाद 12.15 लाख किसानों के आवेदन को मुआवजे के लिए योग्य बताया गया। इनके खाते में फसल नुकसान की इनपुट सब्सिडी राशि भेजी जा रही है। जिनमें अब तक 9.50 लाख किसानों के खाते में 450 करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि  जानी है। क्षति का आकलन किया जा रहा है। पिछले साल बाढ़ और अधिक बारिश से फसल नुकसान के लिए सरकार ने 998 करोड़ की राशि दी है। जिन किसानों के आवेदन जांच में सही पाए गए हैं। उनमें से अधिकांश किसानों के खाते में राशि भेजी जा चुकी है। 15 फरवरी तक शेष किसानों के खाते में मुआवजे की राशि भेज दी जाएगी। इस दौरान कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को मुआवजा राशि देने में जो अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पिछले खरीफ मौसम में विभिन्न जिलों की रिपोर्ट के आधार पर बारिश के बाद 30 जिलों के 258 प्रखंडों की 3125 पंचायतों में 875 करोड़ की फसल क्षति का आकलन किया गया था। जिसमें 6.45 लाख हेक्टेयर फसल के नुकसान की बात कही गई थी। 




 

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