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शिक्षकों के लिए अधिसूचित सेवा शर्त नियमावली की कमियों को यथाशीघ्र सुधारे सरकार , केदारनाथ पांडे एवं शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

शिक्षकों के लिए अधिसूचित सेवा शर्त नियमावली की कमियों को यथाशीघ्र सुधारे सरकार , केदारनाथ पांडे एवं शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

DESK : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री केदारनाथ पांडे एवं महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह पूर्व सांसद ने संयुक्त सचिव मंडल की संपन्न बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार राजकीय /राजकीयकृत /प्रोजेक्ट  एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए अधिसूचित सेवा शर्त नियमावली की कमियों को यथाशीघ्र सुधारने की मांग की है।

सेवा निरंतरता के अंतर्गत माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से वेतन संरक्षण का लाभ देने की बात स्वीकार की गई है। जबकि संघ मांग कर रही है कि इसे भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया जाए और माध्यमिक स्तर अथवा उच्च माध्यमिक स्तर के पद पर नियुक्त होने वाले शिक्षकों को दोनों सेवाओं का लाभ जोड़ते हुए वरीयता का लाभ भी दिया जाए। वही बयान में कहा गया है कि बहुतेरे शिक्षकों पुस्तकालय अध्यक्षों को भी प्रोन्नति का कोई अवसर उपलब्ध नहीं है और उनकी सेवा 14 वर्षों से अधिक हो गई है।आता हूं ने 10 वर्ष, 20 वर्ष, और 30 वर्ष की सेवा पर ऊपर के ग्रेड प्रे में प्रोन्नति देने का प्रावधान पुराने शिक्षकों के समान लागू किया जाए। इससे सभी शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों में संतुष्टि का भाव पैदा होगा ।

महिला शिक्षकों और दिव्यांग शिक्षकों की भर्ती दूसरे जिले में पदस्थापित अन्य सभी शिक्षकों को भी अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा ऐच्छिक  आधार पर दी जाये। नियमावली में प्रधानाध्यापक शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों को आकस्मिक अवकाश से इतर दी जाने वाली छुट्टियो, अर्जित अवकाश और चिकित्सा अवकाश आदि की स्वीकृति का अधिकार नियोजन इकाई के कार्यपालक पदाधिकारी को दी गई है, इसे और सरल बनाते हुए प्रधानाध्यापक को दिया जाए।

नियमावली में ईपीएफ की सुविधा की सीलिंग  ₹15000/-रूपये निर्धारित है इसे पूरे वेतन तक शिक्षकों की इच्छा अनुसार विस्तारित किया जाए। सचिव मंडल ने सरकार से अनुरोध किया है कि सेवा शर्त नियमावली में वरीयता सूची निर्मित करने ,प्रधानाध्यापकों का वेतन निर्धारण और प्रोन्नति की प्रक्रिया निर्धारित करने आदि मामलों के संबंध में आगे गाईडलाइन तैयार करने की बात कही गई है। ऐसे अनिणीत विषयों पर संगठन से विमर्श कर वेतनादि का निर्धारण और प्रक्रिया तय की जाए।

बयान में कहा गया है कि अभी तक सरकार ने जो कदम उठाया है वह शिक्षकों के संघर्ष की जीत है।  राज्य संघ ने सातवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर कर करते हुए माध्यमिक शिक्षकों के लिए level-7 और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए लेवल 8 देने की मांग रखी थी। लेकिन सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया।  मात्र 15% की बढ़ोतरी दिनांक 1-4- 2021 से करने का निर्णय लिया है। बयान से मांग की गई है कि माध्यमिक शिक्षकों को पंचायती राज व्यवस्था से अलग करने और सातवें वेतनमान के लेवल -7 और लेवल -8 को लागू किया जाए।

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