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सरकार का बड़ा ऐलान, मजदूरों के खाते में सीधे भेजे जाएंगे रूपए

सरकार का बड़ा ऐलान, मजदूरों के खाते में सीधे भेजे जाएंगे रूपए

Desk: कोरोना के खतरे को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन करीब करीब पूरी तरह से लागू है. लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है जो असंगठित क्षेत्र में दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहे हैं.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रशासित प्रदेश के उपराज्यपालों को पत्र लिखकर एक एडवाइजरी जारी की है, एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोना वायरस से पैदा हुई विपत्ति का सबसे ज्यादा नुकसान असंगठित क्षेत्र के उन मजदूरों को उठाना पड़ता है जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन होने से हर तरह की आर्थिक गतिविधि ठप्प हो चुकी है और ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के सामने भी आर्थिक समस्या पैदा हो जाती है . श्रम मंत्री ने अपने पत्र में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसे सभी मजदूरों की मदद करने को कहा है.

संतोष गंगवार ने अपने पत्र में राज्यों से लेबर वेलफेयर सेस के जरिए जुटाए गए पैसों से कंस्टट्रक्शन क्षेत्र में लगे ऐसे सभी मजदूरों की मदद करने को कहा है. ये सेस केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों के श्रम कल्याण बोर्डों द्वारा बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर एक्ट 1996 के तहत वसूला जाता है. फिलहाल इस फंड में 52000 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं. एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य इन पैसों का इस्तेमाल कर सीधे मजदूरों के खाते में पैसा भेजें.

दरअसल इस कानून के तहत हर राज्य में कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड बने होते हैं. उस राज्य में इस क्षेत्र से जुड़े मजदूर इस बोर्ड द्वारा पंजीकृत किए जाते हैं. गंगवार ने लिखा है कि सभी राज्यों के पास ऐसे मजदूरों की पूरी सूची उपलब्ध है. देश भर में ऐसे पंजीकृत मजदूरों की संख्या करीब 3.5 करोड़ है. राज्य सरकारों को ये तय करने के लिए कहा गया है कि मजदूरों के खाते में कितना पैसा भेजना है.


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