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बिहार में बालू खनन को लेकर सरकार की बड़ी तैयारी, 29 जिलों में होगा खनन, जानिए कौन-कौन से जिले है सूची में

बिहार में बालू खनन को लेकर सरकार की बड़ी तैयारी, 29 जिलों में होगा खनन, जानिए कौन-कौन से जिले है सूची में

PATNA : बिहार में राजस्व का सबसे बड़ा जरिया बन चुके बालू खनन को लेकर राज्य सरकार नई तैयारी कर रही है। राज्य के  खान एवं भूतत्व विभाग की मानें तो जल्द ही प्रदेश के 29 जिलों में बालू खनन का काम शुरू करने की तैयारी में जुटी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है।

पहले भी होता था 29 जिलों में खनन 

विभाग की मानें तो बिहार में पहले भी 29 जिलों में बालू खनन का काम होता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में कई जिलों में बालू खनन का काम बंद कर दिया गया था। अभी सिर्फ 16 जिले ऐसे हैं, जहां बालू खनन का काम किया जाता है। जबकि 13 राज्यों में खनन का काम बंद है। अब इन 13 जिलों में भी बालू खनन का काम शुरू करने की तैयारी शुरू की गई है। । विभाग का मानना है कि सभी जिलों में बालू खनन होने से राजस्व में 30 से 40 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी।

कम होते गए बालू खनन वाले जिले

प्रदेश में राजस्व का सबसे बड़ा जरिया बन चुके बालू खनन को लेकर बताया गया कि दो साल पहले तक 24 जिलों में बालू खनन हो रहा था, अब सिमटकर एक तिहाई जिले रह गए। वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने 24 जिलों में बालू की बंदोबस्ती की थी। यहां बालू खनन का काम चल रहा था। लेकिन वर्ष 2020-24 के लिए बालूघाटों की बंदोबस्ती को पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त नहीं मिली थी। लिहाजा राज्य सरकार ने वर्ष 2015-19 के बालू बंदोबस्तधारियों को बंदोबस्ती राशि में 50 फीसदी वृद्धि के साथ 2020 के लिए बालूघाटों के संचालन का अधिकार सौंप दिया। लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद मात्र 14 जिलों के बंदोबस्तधारी ही बालूघाटों के संचालन के लिए तैयार हुए। शेष ने हाथ खड़े कर दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था बालू खनन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश

इधर, वर्ष 2021 के लिए पहली अप्रैल से फिर से बंदोबस्तधारियों को पुरानी राशि में 50 फीसदी वृद्धि के साथ छह माह के लिए बालूघाटों के संचालन की जिम्मेवारी सौंपी गयी। इस निर्णय पर कैबिनेट की मुहर भी लगी। लेकिन इनमें पांच जिलों के बंदोबस्तधारियों ने बालूघाट संचालन से इंकार कर दिया। इसके पहले जनवरी में गया में बंदोबस्तधारी ने पहले ही काम छोड़ दिया था। ऐसे में राज्य सरकार ने नए बंदोबस्तधारियों की तलाश शुरु की। लेकिन एनजीटी की रोक के कारण भी बालू खनन की प्रक्रिया अटक गयी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सूबे में नए सिरे से बालू खनन की प्रक्रिया शुरु की गयी है।

इन प्रमुख 29 जिलों में होता है बालू का खनन

पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, बांका, लखीसराय, नवादा, किशनगंज, वैशाली, मधेपुरा, बेतिया, बक्सर, अरवल, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद, मोतिहारी, मधुबनी, सीवान, सुपौल, सहरसा, गोपालगंज, पूर्णिया, कैमूर

यहां बंद

गया, पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास, जमुई और लखीसराय

यहां हो रहा था खनन

नवादा, किशनगंज, वैशाली, बांका, मधेपुरा, बेतिया, बक्सर, अरवल

पिछले साल यहां हो रहा था खनन

पटना, भोजपुर, सारण, गया, औरंगाबाद, रोहतास, नवादा, किशनगंज, वैशाली, बांका, मधेपुरा, बेतिया, बक्सर, अरवल (जमुई और लखीसराय में पहले बंद)


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