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सरकार के दावे की खुल रही पोल : अनुमंडल अस्पताल में नहीं मिलती है डॉक्टरों की लिखी दवाई, बाहर से खरीदने को मजबूर हैं परिजन

सरकार के दावे की खुल रही पोल : अनुमंडल अस्पताल में नहीं मिलती है डॉक्टरों की लिखी दवाई, बाहर से खरीदने को मजबूर हैं परिजन

KAIMUR :- अनुमंडल अस्पताल मोहनिया में मौसम के करवट लेते ही काफी संख्या में मरीजों का भीड़ देखा जा रहा है। ऐसे में चिकित्सकों द्वारा मरीजों को कई ऐसी दवाएं लिख दी जा रही है जो दवा काउंटर को उपलब्ध ही नहीं है और मरीजों को महंगे दामों पर उन दवाओं को बाहर से खरीदना पड़ रहा है। 

एक तरफ सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर रहने की बात तो करती है लेकिन गरीबों को सरकारी अस्पताल में दवाएं सरकारी ना मिलकर बाहर खरीदने को मजबूर किया जाता है। ऐसे में गरीब पैसा दोहन के शिकार हो रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह माजरा एक दिन का है, इसके पहले पेरासिटामोल, गैस और आयरन की कमी से अस्पताल पिछले 10 दिनों से जूझ रहा था अधिकारी अब उसे पूरा करने का दावा तो करते हैं लेकिन दवा काउंटर से हकीकत में कई दवाएं ऐसी है जो चिकित्सक लिखते हैं वह मिल नहीं पाती। अंत में मजबूर होकर मरीजों को बाहर से उन दवाओं को महंगे दामों पर खरीदना पड़ता है। 


अनुमंडल अस्पताल की लापरवाही इस कदर हावी है कि यहां रेफर किए गए मरीज को स्ट्रेचर तो मिला लेकिन पानी की बोतल हाथों में टांगे दिखे परिजन नहीं मिलती है मरीजों को मुकम्मल सुविधा। अनुमंडल अस्पताल मोहनिया पहुंची महिला मरीज ने बताया मुझे पेट की समस्या थी मैंने अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सक को दिखाया तो उनके द्वारा दवा लिखी गई लेकिन कई दवाई ऐसी है जो बाहर से खरीदना पड़ेगा यहां दवा काउंटर के यहां पर उपलब्ध ही नहीं है।

अनुमंडल अस्पताल मोहनिया के बीएचएम बताते हैं हमारे अस्पताल में लगभग 87 दवाओं में 60 से अधिक दवाएं उपलब्ध है जो डेली उपयोग की जाती है और लोगों का आसानी से उन दवाओं को दिया जाता है। अगर बीएचएम की बातों को माना जाए तो कहीं न कहीं यह बात सामने आती है कि डॉक्टर ऐसी दवाएं लिख रहे हैं, जो कि अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, ताकि अधिक कमीशन हासिल किया जा सके।

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